दाहा नदी पर 10 साल पहले बने पुल में आई दरार, बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक
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सीवान। दाहा नदी पर 10 साल पहले बने पुल में दरार आ गई है। पुल से गुजरने वाले बड़े वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है। पुल के बीच का हिस्सा आंशिक रूप से धंसने से दरार आ गई है।
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हालांकि पानी रहने से पुल का पाया धंसा है या नहीं इसका पता नहीं चला है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि वाहनों के गुजरने के दौरान पुल ध्वस्त होने की संभावना को देखते हुए बड़े वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।
मंगलवार की शाम में पुल के बीच के हिस्से में दरार आने की खबर स्थानीय प्रशासन को मिली, जिसके बाद सभी के हाथ-पांव फूलने लगे। जल्दी-जल्दी रूट बदलकर कर पुल से गुजरने वाले भार को कम किया गया।
इधर समय से पहले ही पुल में आने वाली खामियों को लेकर जिले के लोगों में तरह-तरह की चचार्एं शुरू हो गयी हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि जागरुक लोगों ने निर्माण के वक्त में उपयोग हो रही सामग्री को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद संवेदक ने सुधार भी किया था।
बावजूद सभी पुल निर्माण की गुणवत्ता को लेकर तब से आजतक सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं पुल के एक सिरे पर लगा शिलापट्ट बता रहा है कि 10 जून 2011 को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था। हालांकि शिलापट्ट पर पुल की लागत नहीं लिखी हुई है लेकिन लोगों की माने तो तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
ट्रैफिक प्रभारी शाहजहां खां ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर के बाद सभी भारी वाहनों यहां तक कि लोडेड पिकअप को भी अब यहां से गुजरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सभी को बाइपास होकर गुजरना होगा।
बताया कि तरवारा की ओर से आने वाली गाड़ियों को बबुनिया मोड़ व स्टेशन रोड की तरफ डायवर्ट कर दिया जाएगा। मैरवा की तरफ से आने वाले वाहनों को गोपालगंज मोड़ से ही डायवर्ट करने की योजना बनायी गयी है। इस तरह के वाहनों पर नजर रखने को लेकर जवानों को लगाया गया है।
पुल निर्माण निगम सारण के इंजीनियर सुशील कुमार ने बताया कि पुल के आंशिक क्षतिग्रस्त होने की खबर मिली है। लेकिन नदी में पानी होने से इस समय उसका निरीक्षण संभव नहीं है। जल्द क्षतिग्रस्त पुल की जांच के लिए एक टीम जाएगी जो कारणों का पता लगाएगी।