पटना में गड्ढे में मिला लापता बुजुर्ग का शव, ग्रामीणों ने एनएच जाम कर किया विरोध प्रदर्शन
पटना। बिहार की राजधानी पटना के बाढ़ क्षेत्र के जलगोविंद गांव में सोमवार को एक लापता बुजुर्ग का शव गड्ढे में मिलने के बाद स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश फैल गया। मृतक की पहचान संतोष महतो के रूप में हुई है, जो रविवार से लापता थे। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच-31 को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि इस हत्या में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता भी एक कारण रही है।
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुआ था विवाद
रविवार को गांव में एक मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके दौरान डीजे बजाने को लेकर कुछ लोगों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। इस विवाद में मारपीट शुरू हो गई, जिससे एक स्थानीय निवासी, रौशन कुमार, गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका सिर फट गया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब उपद्रवियों ने मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उस समय मामले को किसी तरह शांत करवा दिया गया था, लेकिन यह अस्थायी शांति थी। विवाद के बाद घायल रौशन के पिता संतोष महतो, जो घटना स्थल पर उपस्थित थे, शाम से ही लापता हो गए थे।
परिजनों की शिकायत पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
संतोष महतो के परिवार वालों ने पुलिस को उनकी गुमशुदगी की सूचना दी और पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिजनों और गांव वालों ने खुद संतोष महतो की खोजबीन की, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच सोमवार सुबह संतोष महतो का शव गांव के पास एक गड्ढे में पड़ा मिला। शव की स्थिति बहुत ही खराब थी, जिससे परिजनों का शक हत्या की ओर बढ़ गया।
एनएच-31 पर ग्रामीणों का प्रदर्शन
इस हृदयविदारक घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे-31 को जाम कर दिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि पुलिस ने समय रहते संतोष महतो की तलाश में कोई कदम नहीं उठाया, जिसके कारण यह दुखद घटना घटित हुई। ग्रामीणों के इस प्रदर्शन ने इलाके में यातायात को ठप कर दिया, जिससे सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय एएसपी राकेश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने गुस्साए लोगों को समझाने की कोशिश की और भरोसा दिलाया कि मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। पुलिस ने संतोष महतो के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के प्रयास शुरू किए। एएसपी राकेश कुमार ने कहा कि सभी लोग एक ही गांव के हैं और इस मामले में सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी ताकि दोषियों को उचित सजा मिल सके।
घटना के पीछे संभावित कारण और पुलिस की जांच
स्थानीय लोगों के अनुसार, मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद ने इस मामले को तूल दिया, जो बाद में हिंसा में तब्दील हो गया। ग्रामीणों का मानना है कि इस विवाद का संबंध संतोष महतो की हत्या से हो सकता है, क्योंकि मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद में उनके परिवार के सदस्यों का भी नाम आया था। हालांकि, पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और विभिन्न पहलुओं से जांच-पड़ताल कर रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मामले की असल वजह सामने आएगी, जिसके बाद वे आगे की कार्रवाई करेंगे। यह दुखद घटना न केवल एक परिवार के लिए गहरा आघात है बल्कि इसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। संतोष महतो की हत्या ने यह सवाल उठाया है कि क्या प्रशासन समय पर कार्रवाई कर सकता था, जिससे इस घटना को टाला जा सकता था? इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों गुमशुदगी की सूचना के बावजूद समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी निष्पक्षता से और तेजी से कार्यवाही करती है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और न्याय की जीत होगी। इस घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था की कमी को उजागर किया है, बल्कि लोगों में सुरक्षा के प्रति चिंता को भी बढ़ा दिया है।