बीएड डिग्री धारको को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, प्राथमिक स्कूलों से 22 हजार शिक्षकों को सेवामुक्त करने पर दिया फैसला
पटना। बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बुधवार को बिहार प्राथमिक शिक्षक पद पर पिछले 2 वर्षों से नियुक्त बीएड डिग्री धारक नियोजित शिक्षकों छठे चरण को नौकरी से हटाने का फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले से करीब 22 हजार शिक्षकों को सेवामुक्त होना पड़ेगा जो पिछले करीब दो वर्ष से नियोजित शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। 2022 में छठे चरण में 42 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इसमें एक से पांच वर्ग तक के लिए 22 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इसके पहले 2 दिसंबर को हाईकोर्ट ने बीएड शिक्षकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। अब कोर्ट के फैसले से 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों पर गाज गिरी है। कोर्ट ने कहा कि रिट याचिकाओं को इस निष्कर्ष के साथ स्वीकार किया जाता है कि ‘एनसीटीई’ द्वारा जारी दिनांक 28/06/2018 की अधिसूचना अब लागू नहीं है और बीएड उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि जो नियुक्तियां की गई हैं, उन पर नए सिरे से काम करना होगा और मूल के अनुरूप ही योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करना होगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2010 की एनसीटीई की अधिसूचना को केवल उसी पद पर जारी रखा जा सकता है जिस पद पर उन्हें नियुक्त किया गया है। राज्य यह भी निर्णय लेगा कि क्या इस तरह के पुनर्कार्य पर रिक्त होने वाले पदों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र उम्मीदवारों से राज्य के पास उपलब्ध मेरिट सूची से भरा जाएगा। ऐसे में बीएड डिग्री धारक नियोजित शिक्षकों को कोर्ट के इस फैसले से बड़ा झटका है। करीब 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को इस फैसले से अब नौकरी से हाथ धोना पद सकता है।