बंटेंगे तो कटेंगे का नारा देकर देश के अमन और सौहार्द को तोड़ना चाह रही बीजेपी, जनता उनको जवाब देगी : तेजस्वी
पटना। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा देश के अमन और एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बंटेंगे तो कटेंगे” नारे की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह नारा देश के अमन-चैन और सौहार्द्र को भंग करने का प्रयास है और भाजपा की नकारात्मक सोच को दर्शाता है। तेजस्वी यादव ने भाजपा की नीति और उनकी भाषा को “मवालियों की भाषा” करार दिया है, जो समाज में विभाजन और नफरत की भावना को बढ़ावा देती है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उनकी राजनीति का उद्देश्य समाज में विभाजन और कटुता फैलाना है। “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों को उन्होंने अत्यंत नकारात्मक और विभाजनकारी बताया। उन्होंने कहा कि अगर देश एकजुट नहीं रहेगा, तो यह विकास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ पाएगा। देश की प्रगति और महानता का आधार एकता में निहित है, न कि समाज को बांटने में। उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा को “जुटेंगे या जुड़ेंगे” जैसा सकारात्मक नारा देना चाहिए, जो कि देश में अमन और चैन का संदेश दे सके। तेजस्वी यादव ने अपने वक्तव्य में एकता और सौहार्द्र का महत्व समझाया और कहा कि देश तभी तरक्की कर सकता है, जब लोग मिलकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों में सकारात्मकता की कमी है और वे केवल समाज में मतभेद और विभाजन की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत जैसे विविधता भरे देश में एकता ही प्रगति का रास्ता है। अगर समाज में अमन और चैन बना रहेगा, तभी देश आगे बढ़ेगा।तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी नीति में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और गरीबी जैसे बुनियादी मुद्दों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत एनडीए सरकार ने इन क्षेत्रों में हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं किया है। समाज के विकास के इन जरूरी मुद्दों पर बात न करके वे समाज में नफरत और विभाजन का वातावरण बना रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटक गया है और वे केवल समाज में नफरत और कटुता की राजनीति में व्यस्त हैं। तेजस्वी ने भाजपा की भाषा को “मवालियों की भाषा” कहकर इसे समाज को विभाजित करने और हिंसा को बढ़ावा देने वाली बताया। तेजस्वी यादव ने बिहार में मौजूदा कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और इसे सरकार की बड़ी विफलता बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बिहार में अपराध का स्तर बढ़ गया है। उन्होंने बलात्कार, अपहरण, हत्या, और बैंक लूट जैसे अपराधों के बढ़ने पर चिंता जताई। उनके अनुसार, सरकार का अपराध नियंत्रण में असमर्थ होना एक विफलता है, और पुलिस प्रशासन का अपराधियों पर नियंत्रण कमजोर हो गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने में विफल हो रही है और जब वे अदालत तक भी पहुंचते हैं, तब भी उन्हें सजा नहीं दिला पाती है। इसे उन्होंने सरकार की अक्षमता करार दिया और कहा कि कानून व्यवस्था की खराब स्थिति जनता के लिए एक गंभीर मुद्दा है। तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराधों के परिप्रेक्ष्य में “जंगलराज” की परिभाषा का पुनर्मूल्यांकन करने की बात कही। उनका कहना है कि जंगलराज का मूल्यांकन आंकड़ों के आधार पर किया जाना चाहिए, और मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि बिहार में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने इस बढ़ते अपराध दर को वर्तमान सरकार की नीतियों और प्रशासनिक विफलता से जोड़ा।तेजस्वी यादव ने भाजपा की नीतियों और नारेबाजी को समाज के सौहार्द्र और अमन-चैन के खिलाफ बताया। उन्होंने भाजपा पर विभाजनकारी और नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की प्रगति के लिए एकता और मिलजुल कर रहने की भावना आवश्यक है। कानून व्यवस्था पर सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दों को अनदेखा करना जनता के साथ धोखा है। तेजस्वी के अनुसार, भाजपा को समाज में विभाजन और नफरत फैलाने की बजाय विकास के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि देश सही मायने में महान बन सके।