February 22, 2025

तरारी में बीजेपी को निर्णायक बढ़त, माले उम्मीदवार पिछड़े, जीत के करीब एनडीए

पटना। बिहार में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव के नतीजों का इंतजार अब खत्म होने को है। 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था, और अब मतगणना लगभग अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। चारों सीटों पर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखा गया। तरारी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने निर्णायक बढ़त बना ली है, जो इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
तरारी सीट पर बीजेपी की स्थिति
तरारी सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने बड़ी बढ़त बनाई है। 9वें राउंड की गिनती तक उन्हें 60,996 वोट मिल चुके थे। इस मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे सीपीआई (माले) के उम्मीदवार राजू यादव, जिन्हें 49,233 वोट मिले। दोनों प्रत्याशियों के बीच लगभग 12,000 वोटों का अंतर है, जो बीजेपी की स्थिति को मजबूत बनाता है।
प्रशांत किशोर की पार्टी हाशिए पर
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने इस चुनाव में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन तरारी सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। उनकी प्रत्याशी किरण कुमारी को अब तक मात्र 4,439 वोट मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशांत किशोर की पार्टी इस बार भी जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में असफल रही।
चुनाव आयोग का अपडेट और वर्तमान स्थिति
चुनाव आयोग ने मतगणना के हर चरण के आंकड़े जारी किए हैं। सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट्स की गिनती के साथ मतगणना शुरू हुई थी, जिसके बाद ईवीएम वोटों की गिनती की गई। 9वें राउंड तक के नतीजों से यह संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी के विशाल प्रशांत जीत की ओर बढ़ रहे हैं। अंतिम दो राउंड की गिनती बाकी है, लेकिन मौजूदा बढ़त को देखते हुए एनडीए की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
इंडिया गठबंधन के लिए झटका
तरारी सीट पर सीपीआई (माले) के उम्मीदवार राजू यादव की हार इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। इंडिया गठबंधन, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल (यूनाइटेड), और कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल हैं, ने इस चुनाव में एकजुट होकर मुकाबला किया था। तरारी सीट को गठबंधन के गढ़ के रूप में देखा जाता था, लेकिन बीजेपी की बढ़त ने इस धारणा को कमजोर कर दिया है।
राजनीतिक संकेत और विश्लेषण
इस उपचुनाव को 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिहाज से एक संकेतक के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी की बढ़त यह दिखाती है कि एनडीए ने अपनी रणनीति को धार दी है, जबकि इंडिया गठबंधन को अपनी कमजोरियों पर काम करना होगा। खासतौर पर लेफ्ट के लिए यह हार चिंताजनक है, क्योंकि यह सीट उनकी परंपरागत मजबूत सीटों में से एक मानी जाती थी। वहीं, प्रशांत किशोर की पार्टी का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में वह अभी कोई बड़ा प्रभाव डालने में असमर्थ हैं। उनके द्वारा किए जा रहे बड़े-बड़े दावों को इस नतीजे ने कमजोर किया है। तरारी विधानसभा सीट पर बीजेपी की बढ़त यह स्पष्ट संकेत देती है कि एनडीए ने इस चुनाव में रणनीतिक बढ़त बनाई है। अगर अंतिम दो राउंड की गिनती के बाद भी यही रुझान बरकरार रहता है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ी जीत होगी। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन और लेफ्ट को यह समझना होगा कि 2025 के चुनाव से पहले उन्हें अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। यह चुनाव न सिर्फ एनडीए के लिए जीत का प्रतीक है, बल्कि बिहार की राजनीति में आने वाले बदलावों का संकेत भी देता है।

You may have missed