भारत के चार राज्यों में बर्ड फ्लू ने मचाया कहर; केंद्र का अलर्ट और एडवाइजरी जारी, लगातार निगरानी के निर्देश
नई दिल्ली। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत के चार राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। इसके चलते केंद्र सरकार के स्वास्थ्य महानिदेशालय और पशुपालन मंत्रालय ने राज्यों से सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखने के लिए कहा है। साथ ही एंटीवायरल दवाएं (ओसेल्टामिविर), पीपीई किट और मास्क का तत्काल भंडारण करने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी ) के इन संयुक्त निर्देशों में राज्यों से कहा है कि घरेलू पक्षियों/मुर्गियों की असामान्य मौत पर निगरानी रखी जाए। इसके अलावा केंद्र ने बूचड़खानों, पॉल्ट्री फार्म के साथ सीवेज और जल निकायों की जांच का आदेश दिया है। देश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, महाराष्ट्र के नागपुर, केरल के अलप्पुझा, कोट्टायम और पथानामथिट्टा के अलावा झारखंड के रांची जिले के पॉल्ट्री फार्म में संक्रमण की पुष्टि हुई है। राहत यह है कि अभी तक किसी इन्सान के संक्रमित होने की सूचना नहीं मिली है। भारत में बर्ड फ्लू के मामले साल 2006 से सामने आ रहे हैं, लेकिन बीते मार्च माह से कई देशों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (बर्ड फ्लू) के मामले मिल रहे हैं, जिसकी वजह से समय रहते तैयारियां करना बहुत जरूरी है।
पड़ सकती है आइसोलेशन वार्ड की जरूरत
निर्देशों में राज्यों से कहा गया है कि अस्पतालों में मरीजों की सेवा कर रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों/निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लुएंजा (एच5एन1) के मामलों के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि वे मरीजों में बीमारी के संकेत और लक्षणों के बारे में अनुमान लगा सकें। राज्यों से यह भी कहा है कि यदि पक्षियों में इसकी पुष्टि होती है तो एवियन इन्फ्लूएंजा के किसी भी संदिग्ध मामले को संभालने के लिए समर्पित अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की आवश्यकता हो सकती है।
पॉल्ट्री फार्मों में सुरक्षा उपाय करें कड़े
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि गहन मूल्यांकन के बाद पॉल्ट्री प्रतिष्ठानों, चिड़ियाघरों, पॉल्ट्री बाजारों में जैव सुरक्षा उपायों को मजबूत करें। सभी पॉल्ट्री फार्मों पर व्यापक जैव सुरक्षा आकलन करें और खेतों तक पहुंच प्रतिबंधित की जानी चाहिए। कीटाणुनाशक और सुरक्षात्मक कपड़ों सहित कड़े स्वच्छता प्रोटोकॉल लागू किए जाने चाहिए। जंगली पक्षियों और घरेलू मुर्गों के बीच संपर्क को रोकने के उपाय लागू किए जाने चाहिए।
गंभीर मरीजों की निगरानी के निर्देश
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने अस्पतालों को ओपीडी या इमरजेंसी में आने वाले गंभीर सांस रोगियों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। किसी भी तरह के संदेह होने पर तत्काल मरीज को आइसोलेशन में रखा जाए। इसकी सूचना दिल्ली तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। परीक्षण के लिए नमूने एकत्र होते ही राज्यों को डीएएचडी और एमओएचएफडब्ल्यू को सूचित करना होगा।