आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित, मंत्री सुमित कुमार बोले- बिहार की आबादी हमारे लिए मानव पूंजी
पटना। बिहार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि 12.4 करोड़ की जनसंख्या के साथ बिहार देश का दूसरा सबसे आबादी वाला राज्य है। परंतु मेरी सरकार इसे मानव पूंजी के रूप देखती है क्योंकि यहां की मानव पूंजी पर न केवल इस राज्य बल्कि लगभग सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। बिहार के युवाओं की प्रतिभा तो स्वयंसिद्ध एवं स्थापित है। बस अन्य राज्यों की तुलना में यहां अवसर की कमी है। वे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि देश एवं राज्य के समग्र एवं सुदृढ़ विकास में नवीनतम ज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्व दृष्टिगत करते हुए राज्य सरकार द्वारा सात निश्चय कार्यक्रम के प्रथम चरण (2015-20) में सभी जिलों में सरकारी क्षेत्र में एक नया अभियंत्रण महाविद्यालय तथा एक नया पॉलिटेकनिक संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया गया, जो अब फलीभूत हो चुका है। सरकारी क्षेत्र में स्थापित अभियंत्रण एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रत्येक श्रेणी में 33% सीटें महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित की गई है, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है। अब इन अभियंत्रण महाविद्यालयों तथा पॉलिटेकनिक संस्थानों के माध्यम से काउंसिल के उद्देश्यों का कियान्वयन जिला स्तर पर प्रभावकारी तरीके से कराया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाये जाने के उद्देश्य से बिहार सरकार के सात निश्चय 2 कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में एक पृथक विश्वविद्यालय “बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय की स्थापना इस वर्ष की गई है।
तारामंडल एवं रिमोट सेंसिंग को अत्याधुनिक बनाने का कार्य आरंभ
मंत्री ने आगे कहा कि यदि इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक राशि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करा दी जाये तो इसे और विस्तारित एवं प्रभावकारी तरीके से कराया जा सकेगा। काउंसिल के अंतर्गत स्थापित तारामंडल एवं रिमोट सेंसिंग को अत्याधुनिक बनाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है।
बिहार की अर्थव्यस्था कृषि आधारित
श्री सिंह ने कहा कि बिहार की अर्थव्यस्था मुख्य रूप से कृषि आधारित है तथा अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है। बिहार जैसे राज्य में इस क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान को प्रयोगशाला से निकाल कर लोगों से सीधे जोड़ने की आवश्यकता है। तभी सही मायने मे आत्मनिर्भर भारत का स्वपन्न साकार हो सकेगा। राज्य में अधिक से अधिक शोध प्रयोगशालाएंं स्थापित किये जाने के साथ-साथ अन्य राज्यों की तरह काउंसिल में पेटेंट सूचना केंद्र, महिलाओं को शोध कार्य में प्रोत्साहित किये जाने हेतु महिला कोषांग तथा इसी प्रकार अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के लोगों के विकास के लिए कोषांग का भी गठन किया जाये।