नीतीश के ‘पीके’ प्रशांत किशोर पर लगे गंभीर आरोप,जानिए किसने लगाएं
पटना।मुख्यमंत्री आवास का दुरुपयोग कर रहे हैं जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर। मुख्यमंत्री के लिए आवंटित सात सर्कुलर रोड स्थित आवास में रहकर उस आवास के प्रभाव का इस्तेमाल पार्टी के फायदे के लिए कर रहे हैं।जिस का ताजा उदाहरण विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को बुलाकर यह निर्देश देना कि विश्वविद्यालय के चुनाव में जदयू के छात्र नेता है जीते।यह प्रबंध उन्हें करना है। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के लिए आवंटित बंगले में रहते हैं और मुख्यमंत्री के पद का प्रभाव दिखा कर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं तथा समाज के अन्य वर्ग एवं क्षेत्रों के लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर जदयू के पक्ष में राजनीतिक माहौल तैयार करने के लिए विवश कर रहे हैं। यह किस किस्म की राजनीति है।क्या जदयू ने नैतिकता का पूरी तरह से त्याग कर दिया है?क्या यह एक चुनावी रणनीतिकार को प्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री आवास में बैठा कर पूरे प्रदेश को डर या प्रलोभन के जरिए अपने वश में करने की कवायद है।यह लोकतंत्र के लिए एक कलंक के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। उपरोक्त आरोप बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने एक प्रेस बयान के जरिए लगाएं हैं।अपने बयान में राजेश राठौर ने कहा कि सात सर्कुलर रोड स्थित मुख्यमंत्री के लिए आवंटित बंगले से जद यू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर प्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री के पद से नजदीकी तथा उनके आवास का दुरुपयोग कर रहे हैं। लोकतंत्र में इस बात की इजाजत नहीं है कि कोई व्यक्ति बगैर किसी संवैधानिक पद के मुख्यमंत्री आवास में रहकर सरकार के समानांतर सरकार चलाने का प्रयास करें।मगर बिहार में यही हो रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा करवा रहे हैं। प्रशांत किशोर एक कारपोरेट चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं गुजरात,उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न प्रदेशों में उन्होंने चुनाव के लिए विभिन्न दलों के लिए काम किया है। बिहार में जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री आवास में रह रहे हैं और वहां से अपने आप को मुख्यमंत्री समझ कर राज्य के विभिन्न तबकों को अपने हितों की पूर्ति के लिए दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं। क्या यह लोकतांत्रिक प्रणाली है? नीतीश कुमार बताएं-जवाब दें,क्या यह संवैधानिक है? कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा की विगत कुछ दिनों से जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री आवास का इस्तेमाल राजनैतिक तवज्जो को हासिल करने के लिए कर रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने टीईटी अभ्यर्थी संघ से मिलकर प्रलोभन देकर अपना राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया,और सात सर्कुलर रोड में बैठकर,उनको यह दिखाने का प्रयास किया कि अगर वह साथ नहीं देंगे तो सरकार भी उनका साथ नहीं देगी। इतना ही नहीं विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को भी बुलाया गया तथा कहा गया कि अपने-अपने विश्वविद्यालयों में जदयू की जीत को सुनिश्चित करें। प्रशांत किशोर के यह कारनामे पूरी तरह अलोकतांत्रिक है।एक लोकतांत्रिक सरकार में किसी व्यक्ति को,जो किसी संवैधानिक पद पर नहीं बैठा हो,उसे ऐसा करने का अधिकार नहीं है।कांग्रेस प्रवक्ता ने बिहार की नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राजनीति करनी है राजनीतिक शुचिता का पालन करें।सत्ता का धौंस दिखा कर अवैध राजनीति ना करें।