गोवा में आरंभ हुआ बिहार महोत्सव,राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने किया उदघाटन
गोवा/पटना।कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं कला संस्कृति निदेशालय, गोवा के तत्वावधान में गोवा की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाले फोंडा के सांस्कृतिक केन्द्र राजीव गांधी कला केन्द्र में बिहार महोत्सव 2018 का शुभारंभ गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, कला एंव संस्कृति विभाग, गोवा के मंत्री गोविंद गाउडे, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार के उप सचिव श्री तारानंद वियोगी और राजीव गांधी कला केंद्र के उपाध्यक्ष अजित केरकर मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमती सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन के लिए मैं दोनों मंत्रियों को आशीर्वाद देती हूं। हमारी संस्कृति, हमारी पहचान है और उसमें कोई अंतर नहीं है। इस आयोजन में भारतीय संस्कृति की मानवीय मूलक झलक दिखती है, जो दो लोगों के हृदय से मिलाप पर होता है। ऊपर से हम कुछ भी हों, मगर अंदर से हम सब एक हैं। महामहिम राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान बचपन के दिनों को याद करते हुए एक गीत भी गाया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि गोवा में अभी टूरिस्ट सीजन है। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिल भी चल रहा है। इस अवसर पर बिहार महोत्सव के आयोजन से गोवा के साथ दुनिया भर के लोगों के सामने हमें बिहार की ब्रांडिंग का अवसर मिला है। इस आयोजन के माध्यम से बिहार की मुकम्मल सांस्कृतिक छवि प्रस्तुत करने की कोशिश की है। बिहार के खान पान की विशिष्टता, हस्तशिल्प, मिथिला चित्रकला,पहनावे के स्टाल लगाए गए हैं। इस अवसर बिहार ललित कला अकादमी द्वारा बिहार के विभिन्न शैलियों के साथ समकालीन कला के उत्कृष्ट चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के इतिहास से सभी परिचित हैं। अब इस आयोजन से गोवा में मौजूद तमाम लोग बिहार की संस्कृति को भी जानें, यही हमारा मकसद है। इसके अलावा उन्होंने गोवा के मंत्री गोविंद गाउडे को बिहार में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित भी किया।
गोवा के कला एवं संस्कृति विभाग के मंत्री श्री गोविंद गाउडे ने अपने संबोधन में कहा कि कलाकार ही राज्य का मान बढ़ाते हैं। भारत कृषि प्रधान देश है। जिस तरह हम अतिथियों के समक्ष विभिन्न सब्जियों को मिलाकर सलाद के रूप में परोसते हैं, वैसे ही यहां के विभिन्न राज्यों की संस्कृति है। भिन्न देश – भिन्न भाषा के बावजूद भी हम एक हैं। उन्होंने कहा कि बिहार महोत्सव का आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इससे हमारी संस्कृति का आदान – प्रदान होगा। ऐसे आयोजनों से ही एक भारत – श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। गाउडे ने कहा कि इतिहास बताता है कि जब लोगों के पास मनोरंजन के लिए कुछ नहीं था, तब पूरे देश में ट्रेडिशनल फॉर्म का उद्भव हुआ। उन्होंने कहा कि गोवा छोटा राज्य है, मगर यहां की परंपरा अतिथि देवो भव: की है। अपने स्वागत भाषण में राजीव गांधी कला केंद्र के उपाध्यक्ष अजित केरकर ने कहा कि बिहार महोत्सव 2018 दो राज्यों का सांस्कृतिक आदान-प्रदान का है।
उधर, बिहार महोत्सव 2018 का आगाज पद्मभूषण शारदा सिन्हा की लोकप्रिय आवाज में लोकगीत के साथ हुआ, जिसे सुनकर वहां मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद बिहार के पारंपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति लोक कला प्रदर्शन केंद्र, पूर्णिया द्वारा किया गया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। तो रजनीश कुमार ने उप शास्त्रीय संगीत, रीता दास ने सरोद वादन और बेतिया के सुमित आनंद ने ध्रुपद गायन से मोहत्सव में शामिल हो रहे लोगों का मन मोह लिया। इसके बाद बिहार संगीत नाटक अकादमी द्वारा बिहार गौरव गान और राजीव रंजन कथक नृत्य का भी मनोरम प्रस्तुति हुई। वहीं, महोत्सव के दूसरे दिन 23 नवंबर 2018 को बिहार दर्पण,सुरांगन के जरिये बिहार दर्शन कराया जायेगा। नीतू कुमारी नूतन बिहार की लोकगीत की प्रस्तुति देंगी। उसके बाद चर्चित नृत्य नाटिका आम्रपाली का मंचन नीलम चौधरी करेंगी। वहीं,राम प्रकाश मिश्र ठुमरी की प्रस्तुति देंगे। अमर आनंद, रानी कुमारी और नीतू नवगीत और सत्येंद्र कुमार लोकगीत का रंगारंग प्रस्तुति देंगे। तो मो. इजराईल पमरिया नृत्य और प्रशांत मल्लिक के ध्रुपद गायन के साथ दूसरे दिन का समापन हो जायेगा।
कार्यक्रम में कला एंव संस्कृति विभाग, गोवा के उपनिदेशक बिहार संगीत नाटक अकादमी के सेक्रेटरी श्री विनोद अनुपम,श्रीमती विभा सिन्हा, संजय कुमार सिंह और पीआरओ रंजन सिन्हा भी मौजूद रहे।