बिहार के सरकारी स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराएं शिक्षक व अन्य कर्मचारी, इन्होंने दिया आदेश, ऐसा न करने पर होगी कार्रवाई
पटना । बिहार सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को उपस्थित रहने को कहा है। जिला प्रशासन ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। हालांकि कोरोना महामारी से बच्चों को स्कूलों में नहीं आने दिया जा रहा है। वहीं शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को उपस्थित रहने को कहा है।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की अनुपलब्धता को लेकर विभिन्न स्कूलों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग, स्कूल के प्राचार्यों ने भी इस मुद्दे पर हरी झंडी दी है। सरकारी आदेश में स्कूलों में नहीं आने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रशासनिक कार्यों व केंद्र की ओर से भेजे जा रहे अनुदानों का लेखा-जोखा बनाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति जरूरी है। प्रधानाध्यापकों को शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट देने को कहा गया है। पिछले साल पूरे भारत में स्कूल को उस समय बंद कर दिया गया था जब देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे थे।
लगभग एक साल तक स्कूल बंद रहने के बाद, इन्हें धीरे-धीरे फिर से खोलना शुरू कर दिया गया है क्योंकि प्रदेशों में कोविड-19 के मामले कम होने शुरू हो गए हैं। केंद्र ने राज्य सरकारों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
बिहार सरकार ने मार्च से स्कूलों को खोलना शुरू किया था लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इन्हें दोबारा बंद कर दिया गया था। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि अगले महीने से राज्य में स्कूल और कॉलेज फिर से खुलेंगे।
प्रदेश सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए कोविड-19 दिशानिदेर्शों की एक सूची जारी की है, इसके अनुसार जुलाई से दोबारा क्लासेज शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि स्कूल उचित सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करें और चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं।