विशेष राज्य की मांग पर 13 और 14 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय पर धरना देगी बिहार कांग्रेस, चरणबद्ध होगा आंदोलन
- बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने पटना में दी जानकारी, अखिलेश बोले- विशेष राज्य की मांग को खारिज करना दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय
पटना। बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर विपक्ष दिल्ली से पटना तक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार की नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर है। इसी बीच शनिवार को बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर बड़ा बयान दिया। पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा से बिहार को ठगने का काम किया है लेकिन अब बिहार कांग्रेस इसके लिए पूरे बिहार में लोगों को एकजुट करेगी। बता दे कि शनिवार को बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर पूरे बिहार में आंदोलन का ऐलान किया।
13 और 14 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालय में धरना देगी बिहार कांग्रेस
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर पूरे बिहार में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पहले चरण में 12 अगस्त को सभी जिला में कांग्रेस पीसी होगी। 13 अगस्त और 14 अगस्त को पूरे बिहार में सभी प्रखंड मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी धरना देगी। दूसरे चरण में आंदोलन को लेकर बाद में रूपरेखा तैयार की जाएगी। 2005 नीतीश कुमार पहली बार बिहार की सत्ता में आए थे। नीतीश कुमार लगातार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग करते रहे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार के पिछड़ेपन का जिक्र होता रहा है। भारत सरकार ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग को जिस तरीके से खारिज किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के शासनकाल में यदि कोई गलती हुई है तो उसे भी स्वीकार किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस की सरकार की उस समय की स्थिति और इस समय की स्थिति बहुत अलग है। बिहार में जितने भी कारखाने शुरू हुए, वह कांग्रेस के शासनकाल में शुरू हुए। 2004 से 2014 तक भी बिहार में कई कारखाना खोला गया। बिहार का जिस समय बंटवारा हुआ था उस समय 1 लाख 80 हजार करोड़ रु के विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के शासनकाल में बहुत चीनी मिल चल रही थी, लेकिन धीरे-धीरे सब चीनी मिल बंद हो गई। आज बिहार आर्थिक रूप से बहुत ही पिछड़ गया है इसलिए बिहार को विशेष राज्य की जरूरत है।पिछले 19 साल से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उनके शासनकाल में सड़कों का निर्माण वह रूटिंग काम था। इस बजट में बिहार के लिए जो भी सड़कों की घोषणा की गई है वह पहले से ही स्वीकृत था। कोई नयी योजना स्वीकृत नहीं की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे बिहार को बेवकूफ बना रहे हैं। नीतीश कुमार शुरू से ही बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे लेकिन केंद्र की सरकार उनकी अब नहीं सुन रही। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि विशेष राज्य की दर्जे की लड़ाई बहुत बड़ी लड़ाई थी। इस लड़ाई को केंद्र सरकार के साथ क्यों कंप्रोमाइज कर लिया गया, बिहार के लोगों को जानने का हक है और नीतीश कुमार को इसका जवाब देना चाहिए। बिहार विधानसभा संसदीय दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की। स्किल डेवलपमेंट के लिए 15000 करोड़ रुपए प्रदान की गई थी, इसके लिए कुछ भी नहीं किया गया है। बिहार को मनरेगा का पैसा आज तक नहीं मिला है।