कौकब कादरी ने ये क्या कह दिया भाजपा नेताओं को
तीर्थयात्री शिवभक्त राहुल का अपमान शिव का अपमान: कौकब कादरी
पटना। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने शिव भक्त राहुल गांधी के मानसरोवर तीर्थ यात्रा पर जाते ही भाजपा नेताओं के अपमानजनक बयान को स्वयं शिव जी व सनातन हिन्दू धर्म परंपरा का अपमान बताया है। राफेल विमान के घोटालेबाज और उद्योगपतियों संग विलासिता में रमें भाजपा नेता भगवान शिव के अनन्य भक्त राहुल गांधी का अपमान कर स्वंय को अहंकार से पीड़ित एवं जन भावना व धार्मिक भावना के विरोधी राजा होने का परिचय दिया है। वैसे भी हिन्दू धर्म परंपरा में वर्षो से तीर्थ यात्रियों का सम्मान व पूजन करने की परंपरा रही है। तीर्थ यात्रियों का अपमान तो राक्षसी वृत्ति का परिचायक है। ना जाने भाजपा नेताओं को आजकल इतना घमंड क्यों है कि वो अब हिन्दू धर्म का भी अपमान करने लगे हैं। वैसे भी कहावत है विनाश काले विपरीत बुद्धि, जो भाजपा पर सटीक बैठती है।
श्री कादरी ने केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को मानसिक अवसाद से पीड़ित बताया। उनकी भाष्य शैली व शब्दों का चयन उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि व आरएसएस के संस्कारों को ही परिलक्षित करता है। आरएसएस एक नकारा संगठन है जो अपने उटपटांग व स्तरहीन बयानों से ही चर्चा में होता है। ठीक इसी संस्कारों का पालन सारे भाजपा नेता करते हैं। अश्विनी चौबे भी खुद को मीडिया में बनाये रखने को स्तरहीन बोली-भाषा का चयन करते है व अपने खुद के संस्कारों का परिचय देते हैं।
पेट्रोल-डीजल एवं रसोई गैस के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि की कड़ी आलोचना
कौकब कादरी ने देश में पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि की कड़ी आलोचना की है। श्री कादरी ने कहा कि पटना में 1 सितम्बर को पेट्रोल की कीमत 84.74 रुपए प्रति लीटर, डीजल की 76.10 रुपए प्रति लीटर हो गयी है। एक डॉलर की कीमत घटकर 70.87 रुपए हो गयी है। श्री कादरी ने कहा कि सितम्बर 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड की कीमत 76 डालर थी, उस समय भारत में पेट्रोल की कीमत 56 रुपए तथा डीजल की कीमत 42 रुपए लीटर थी, जबकि अगस्त 2018 में क्रूड की कीमत अन्तर्राष्ट्रीय पर 76 डालर थी। देश में पेट्रोल की कीमत 86 रुपए लीटर एवं डीजल की कीमत 74 रुपए लीटर हो गयी। श्री कादरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के 52 महीने के कार्यकाल में देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी के कारण आम जनजीवन त्रस्त हो गया है। गरीबों को दो जून की रोटी के लाले पड़ रहे हैं।