STET-2019 रिजल्ट : पटना में आईसा का विरोध प्रदर्शन, बिहार बोर्ड के मेन गेट को तोड़ा, सीवान में निकला प्रतिवाद मार्च
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पटना। एसटीईटी-2019 के रिजल्ट और मेरिट लिस्ट मामले में राजधानी में छात्र संगठनों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को पटना में आईसा और इंकलाबी नौजवान सभा के सदस्य सड़कों पर उतर आए और एसटीईटी 2019 की मेरिट लिस्ट के विरोध में बिहार बोर्ड में जमकर प्रदर्शन करते हुए मेन गेट को तोड़ कर जबरन कार्यालय में प्रवेश कर गए। बाद में स्थानीय थाने की पुलिस पहुंच कर मामले को संभाला और फिर 4 बजे बोर्ड के साथ बातचीत के आश्वासन पर प्रदर्शन का दौर थमा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एसटीईटी की मेरिट लिस्ट शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ धोखा है। छात्रों को अंधेरे में रखकर रिजल्ट जारी किया गया है। पूरे बिहार में इसे लेकर जबरदस्त आक्रोश है। जब सरकार ने पेपर-1 और पेपर-2 का रिजल्ट जारी करते हुए कहा कि तमाम उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नौकरी पक्की है, फिर क्यों अधिकतर उत्तीर्ण अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए। ये पूरी तरह से अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग किया कि शिक्षक बहाली प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए और विषय एवं कैटेगरी के हिसाब से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या जारी की जाए। सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाली प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
इधर, सीवान में एसटीईटी घोटाला के विरोध में भाकपा-माले और आईसा के नेताओं ने नारेबाजी करते हुए शहर में प्रतिवाद मार्च निकाला। गोपालगंज मोड़ से भाकपा माले के जीरादेई विधायक के नेतृत्व में आईसा ने जेपी चौक, बबुनिया मोड़ होते हुए महादेवा स्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के बाहर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का पुतला दहन किया। इस दौरान उन्होंने एसटीईटी घोटाले की जांच कर दोषियों पर करवाई करने की मांग की।
15 विषयों की हुई थी परीक्षा
बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड द्वारा कुल 15 विषयों के लिए एसटीईटी 2019 की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिनमें से 12 विषयों के परिणाम 12 मार्च 2021 को घोषित किए गए थे। बाकी तीन विषय उर्दू, संस्कृत और विज्ञान का रिजल्ट 21 जून को जारी किया गया। 12 मार्च को जारी हुए रिजल्ट में मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई थी। उस समय शिक्षा मंत्री से लेकर अफसरों तक ने कहा था कि परीक्षा में क्वालिफाई हुए सभी लोगों की नौकरी पक्की है, लेकिन 21 जून को मेरिट लिस्ट जब जारी हुआ तो उसमें कई क्वालिफाई छात्र मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए। इसके बाद बवाल बढ़ गया।
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