BIHAR : रानी ने एक बेरोजगार को रोजगार देकर जस्टिस फॉर भागलपुर फ्रंट का किया आगाज
भागलपुर। जिले के नाथनगर में अपने मिशन और संकल्प शक्ति से चहुंमुखी विकास करने और अपने ही जनप्रतिनिधियों की निकम्मेपन के कारण विनाश के ढेर पर खड़ा अनाथनगर को नाथनगर बनाने के लिए संकल्पित भागलपुर में बिजली विभाग व पैन इंडिया में कार्यरत रानी चौबे ने अपने वादे और इरादे को लेकर सरकार की सेवा छोड़कर आखिरकार मंगलवार की रात भागलपुर में दस्तक दे ही दी। भागलपुर आते ही शहर के कई मंदिरों में आयोजित कृष्ण जन्माष्ठमी के मौके पर रानी ने माथा टेकी और मानव व मानवता को जीवंत रख अपने मिशन की कामयाबी के लिए प्रभु कृष्ण से प्रार्थना की। रानी चौबे के आते ही भागलपुर व नाथनगर के राजनीतिज्ञों की बेचैनी काफी बढ़ गई है।
बुधवार को वह अपने युवा सेना को लेकर स्थानीय भिखनपुर गुमटी नं.3 में एक बैठक कर सबसे पहले कोरोना काल में बेरोजगारी से तंग आकर अपने परिवार सहित आत्महत्या करने के कगार पर पहुंचे एक युवक टप्पू को रोजगार देकर अपने मिशन के तहत भागलपुर जिले की सेवा करने और विकास के नाम पर जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए विनाश कार्य को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जस्टिस फॉर भागलपुर फ्रंट का गठन किया और कहा कि इस फ्रंट का मकसद सर्वांगीण विकास कार्य करने तथा भागलपुर की खुशहाली को वापस लाना है। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि गुरुवार से वह अपने फ्रंट के युवा साथियों को साथ लेकर सबसे पहले बंद पड़े सिल्क स्पिनींग मील अलीगंज, बहादुरपुर स्थित सिल्क मिल के स्थान पर बन रहे सिल्क सिटी, बुनकरों की दयनीय दशा, बाढ़ की त्रासदी के शिकार नाथनगर के शंकरपुर दियारा सहित नाथनगर विधानसभा के तीनों प्रखंडों का दौरा कर वहां की स्थिति-परिस्थिति का जायजा लेंगी और फिर कोरोना काल में पीड़ित लोगों से मिलकर अस्पतालों का जायजा लेकर चिकित्साकर्मी, निगम, प्रखंड व पंचायतकर्मियों आदि से मिलेंगी, तत्पश्चात महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने, महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने, बाढ़-सुखाड़ और कोरोना पीड़ितों के हित को ध्यान में रखने और फिर पानी, बिजली,सड़क, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, सफाई आदि को लेकर वह निगम व जिला प्रशासन से बात कर अपनी रणनीति के तहत उसे उनके सामने रखकर इस दिशा में तेज गति से उन्होंने काम करने की बात कही।