BIHAR : भ्रष्टाचार व प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाना महंगा पड़ा पत्रकार को
छपरा। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार कहते हैं कि राज्य में सुशासन की सरकार है। लेकिन एक पत्रकार को समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार व प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाना महंगा पड़ गया है। पीड़ित पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना है कि वे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार व प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते रहे है, ताकि प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सके। लेकिन अब उक्त पत्रकार पर ही फर्जी मुकदमा दर्ज कर परेशान किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर पत्रकार हिमालय राज ने बताया कि सदर प्रखंड के अंचल पदाधिकारी पंकज कुमार, राजस्व कर्मचारी मोहम्मद सैफुल्लाह रहमानी सहित व अन्य भू-माफियाओं के खिलाफ व्यवहार न्यायालय, छपरा में धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला लंबित है। जिसका संबंध मेरे परिवार से जुड़े होने के कारण मुझे सामाजिक रूप से परेशान किया जा रहा है, क्योंकि इस मामले को जोर-शोर से हमने उठाया है और अब समाजिक दवाब व जाति का हवाला देकर मुझे डराने-धमकाने से लेकर अब प्रशासनिक स्तर पर भी मुझे फंसाने की साजिश की जा रही है। फर्जी मामला बनाकर एआईआर दर्ज कर मामले को रफा दफा कराने को लेकर डराया-धमकाया जा रहा है कि पत्रकार जमीन से जुड़े मामले को वापस ले या समझौता कर लें। नगर थाना क्षेत्र के योगिनियां कोठी निवासी पत्रकार हिमालय राज को बिना किसी ठोस सबूत के वरीय अधिकारियों के दबाव में आकर नगर थानाध्यक्ष विमल कुमार सिंह द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सूत्र बताते है कि नगर थानाध्यक्ष के द्वारा त्वरित कार्यवाई करते हुए थाना ले जाकर जेल भेजने तक की तैयारी की गई थी, लेकिन दृढ़ संकल्प व अन्य पत्रकारों के सहयोग से प्रशासन का यह दाव फेल हो गया।