BIHAR : जीविका के माध्यम से नि:शुल्क चूजा और बकरी का किया जा रहा वितरण
पटना। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को मदद करने को लेकर 552 मत्स्य पालन हेतु तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। इससे 1 लाख 28 हजार मानव दिवसों का सृजन किया गया। उन्होंने बताया कि कम्फेड के माध्यम से लॉकडाउन के पहले लगभग 20 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 16 लाख लीटर दूध का विपणन होता था। लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने के कारण राज्य सरकार ने बच्चों को घर पर सुधा दूध पाउडर पहुंचाने का निर्णय लिया। इस दौरान लगभग 2100 मीट्रिक टन दूध पाउडर आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को घर-घर पहुंचाया गया। इसकी लागत 70 करोड़ से ज्यादा है।
एन. सरवन ने बताया कि कोविड से पीड़ित मजदूरों को मदद करने को लेकर कुछ योजनाएं भी विभाग के द्वारा शुरू की गई है। जीविका के माध्यम से नि:शुल्क चूजा और बकरी वितरण का कार्य किया जा रहा है। 1 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के बीच काम किया जा रहा है। इसके अलावा दूध देने वाले पशुओं के वितरण का कार्य लगभग 6 हजार परिवारों के बीच शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में पशु और मत्स्य का काफी नुकसान देखा जा रहा है। अभी तक की जानकारी के अनुसार जिलों में 51 जगहों पर पशु शिविर कार्यरत हैं। 192 डॉक्टर और 300 से ज्यादा कर्मी राहत कार्य में लगे हैं। अभी तक लगभग 1231 क्विंटल पशु चारे का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विशेष निर्देश पर पशु क्षति की नुकसान भरपाई को लेकर तेजी से काम चल रहा है। अभी तक 7 जिलों से 47 पशुओं के मौत की सूचना है। 6 पशुओं की नुकसान भरपाई की जा चुकी है। शेष मामलों में काफी तेजी से काम चल रहा है। वहीं लगभग 2.5 हजार हेक्टेयर में मत्स्य पालन तालाब और 800 हेक्टेयर में हेचरीज की क्षति होने की सूचना है। आपदा प्रबंधन के प्रावधान के तहत इसकी भी नुकसान भरपाई की जायेगी।