फर्जी प्रमाण पत्र मामले में आजम खान को बड़ी राहत, कोर्ट ने सजा पर रोक लगाकर दी जमानत
लखनऊ। सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला को दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने तीनों की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही तीनों को जमानत भी दे दी है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आजम खान, तंजीन और अब्दुल्ला आजम की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर यह फैसला सुनाया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 14 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। तीनों फिलहाल अलग अलग जेलों में बंद हैं। आजम खान, उनकी पत्नी व बेटे को रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात-सात साल कैद की सजा सुनाई थी। आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर कर इसे चुनौती दी गई थी। इसमें जमानत के लिए भी अर्जी दी गई थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे और जीत कर विधायक भी बने थे। प्रतिद्वंदी प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां तथा बाद में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र पर चुनाव लड़ने की शिकायत की। कहा कि अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़ने की योग्यता नहीं रखते थे। अब्दुल्ला की आयु बढ़ा कर चुनाव में उतारा गया है। शैक्षिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज है और नगर निगम लखनऊ से जारी प्रमाणपत्र में 30 सितंबर 1990 है। इसी को लेकर तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।