बिग ब्रेकिंग- सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला रामलला रहेंगे विराजमान,मस्जिद के लिए दी जाएगी अलग से जमीन
दिल्ली।अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए 206 साल से चले आ रहे राम जन्मभूमि मंदिर विवाद पर अपना फैसला सुना दिया।सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के मुताबिक अयोध्या में विवादित जमीन पर रामलला के दावे को स्वीकृति दी गई।वही इस अति महत्वपूर्ण निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ जमीन देने का निर्णय सुनाया है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस ऐतिहासिक फैसला को जारी किया है।
अपने विस्तृत जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट से खुलासा बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी, वहां पहले मंदिर था।सुप्रीम कोर्ट ने इस जमीन पर शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े दोनों के दावे को खारिज किया है।सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक नजूल जमीन पर कोई विवाद नहीं है।1949 में रखी गई थी दो मूर्ति।एएसआई के रिपोर्ट में खुलासा-बाबड़ी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी।वहां पहले मंदिर था। सुप्रीम कोर्ट ने माना आस्था और विश्वास पर कोई बहस नहीं हो सकती।मंदिर बनाकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं।भगवान् राम अयोध्या में जन्म लिए थे ये साफ़ नहीं।सीता रसोई, सिंह द्वार और वेदी का जिक्र।मुस्लिम के पास जमीन पर विशेष कब्जा नहीं।12- 16 वीं सदी में क्या था साफ नहीं।अंग्रेजों के जमाने तक नमाज के कोई सुबूत नहीं मिले। ढांचा गिराना कानूनी व्यवस्था तोड़ने जैसा।मुस्लिम जमीन पर अपना एकाधिकार साबित नहीं कर पाए।दिसंबर 1949 तक मुस्लिम नमाज पढ़ते थे।इस स्ट्रक्चर के अन्दर ही श्री राम का जन्म हुआ था।हिन्दू सीता रसोई में करते थे।पूजामुस्लिमो को अलग जमीन देने का आदेश।सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मिलेगी 5 एकड़ जमीन।ज्ञातव्य हो की अयोध्या में विवादित राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में पिछले महीने ही सुनवाई पूरी हो चुकी थी।