बिग ब्रेकिंग-महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट का फैसला,कल बहुमत साबित करें देवेंद्र फडणवीस सरकार
दिल्ली।महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के तहत महाराष्ट्र में नवगठित देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ शिवसेना- एनसीपी तथा कांग्रेस के संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल विधानसभा में सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने कल 27 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा में नवगठित देवेंद्र फडणवीस सरकार को अपना बहुमत साबित करने को कहा है। ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा था।जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने यह मामला कल तक के लिए टाला है। साथ ही सुप्रिम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल समेत सभी पक्षों को दस्तावेज देने के लिए नोटिस जारी किया था।महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के उपरांत से ही जबरदस्त सियासी उठापटक चल रहा है।प्रीपोल गठबंधन के बाद पोस्ट पोल गठबंधन के नए रोचक दृश्य महाराष्ट्र की राजनीति में दिख रहा है। इसी घटनाक्रम के बीच कल सुबह देवेंद्र फडणवीस के सरकार गठन होने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शनिवार को देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद विपक्षी दल शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुबह 11:30 बजे सुनवाई आरंभ हुई।जहां अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तीनों पार्टी की ओर से दलीलें रखीं।उन्होंने कोर्ट से कहा कि असंवैधानिक तरीके से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ राज भवन में ग्रहण करायी गई।इधर कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि 22 नवंबर को 7 बजे तीन पार्टियों ने पत्रकार सम्मेलन आयोजित करके गठबंधन का एलान किया।उनकी ओर से सरकार बनाने की बात कही गई।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला दुर्भावना भरा और मनमाना प्रतित होता है। कुछ नहीं पता कि कब क्या हुआ। अचानक राष्ट्रपति शासन हटा और शपथ हो गई।देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने अदभुत तरीके से शपथ ली।राज्यपाल दिल्ली के प्रत्यक्ष निर्देशों के तहत काम कर रहे थे। कपिल सिब्बल ने जजों से कहा कि अगर बहुमत है उन्हें तो फिर आज ही परीक्षण हो जाए।