महिला शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, मातृत्व अवकाश पर बड़ा ऐलान, मंत्री ने विधान परिषद में की घोषणा
पटना। बिहार के सरकारी महिला शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है, जो उनके मातृत्व अवकाश से संबंधित समस्याओं को हल करने की दिशा में बड़ा कदम है। शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश के दौरान नियमित मासिक वेतन सुनिश्चित करने का वादा किया। यह फैसला महिला सशक्तिकरण और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। विधान परिषद में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और एमएलसी नवल किशोर यादव ने महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन से संबंधित मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि मातृत्व अवकाश पर होने वाली महिला शिक्षकों को नियमित वेतन क्यों नहीं मिलता, और क्यों उन्हें कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। उनका कहना था कि मातृत्व अवकाश महिला अधिकारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस मुद्दे पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को कहा कि महिला शिक्षकों का यह मुद्दा गंभीर और लाजमी है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार महिलाओं के विकास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा विभाग में इस मुद्दे की समीक्षा की जा चुकी है, और दिसंबर में इस पर सख्त और सकारात्मक आदेश जारी किए जाएंगे। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में महिला शिक्षिकाओं को इस प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। मातृत्व अवकाश किसी भी कामकाजी महिला के लिए एक अधिकार है, जो न केवल उनके स्वास्थ्य बल्कि उनके शिशु की देखभाल के लिए भी आवश्यक है। बिहार में महिला शिक्षक इस दौरान नियमित वेतन नहीं मिलने की समस्या से जूझ रही थीं। यह समस्या केवल आर्थिक कठिनाई ही नहीं, बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बनती थी। नियमित वेतन का प्रावधान न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन्हें इस विशेष समय में सम्मान और सुरक्षा का अनुभव भी देगा। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिला सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता में है। मातृत्व अवकाश के दौरान वेतन का नियमित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा एक आदेश पत्र जारी किया जाएगा। इसके अलावा, अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करें। यह कदम महिलाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महिला शिक्षकों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल उनकी समस्याओं को दूर करेगा, बल्कि उन्हें अपने काम के प्रति अधिक समर्पित होने के लिए प्रेरित करेगा। शिक्षकों का मानना है कि इस प्रकार के सकारात्मक बदलाव न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज में भी महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेंगे। यह घोषणा बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस वादे को जमीन पर लागू करना और उसकी निगरानी करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। शिक्षा विभाग को सुनिश्चित करना होगा कि आदेश पत्र जारी होने के बाद सभी स्तरों पर उसका क्रियान्वयन हो। महिला शिक्षकों के मातृत्व अवकाश के दौरान नियमित वेतन सुनिश्चित करना सरकार का एक सकारात्मक और स्वागत योग्य कदम है। यह पहल महिला अधिकारों को मजबूत करने और उन्हें कार्यस्थल पर सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। बिहार सरकार का यह निर्णय महिला शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है और इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। यह न केवल महिलाओं की समस्याओं के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भविष्य में वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की बजाय उन्हें सहजता से प्राप्त करें।