नालंदा में साइबर अपराधियों ने पीट-पीटकर युवक को मार डाला, मुखबिरी करने पर ले ली जान

नालंदा। बिहार के नालंदा जिले में शुक्रवार को एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि युवक को अपराधियों ने पीट-पीटकर मार डाला। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार युवक की हत्या करने वाले आरोपी साइबर अपराध का गैंग चलते हैं और भोले भाले लोगों को ठगी के जाल में फंसा कर उनके पैसे लूटने का काम करते हैं। घटना के संबंध में यह भी कहा जा रहा है कि आरोपियों ने युवक की हत्या इस कारण कर दी क्योंकि उसने पुलिस को अपराधियों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया था। युवक ने पुलिस को इन अपराधियों की पहचान बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। घटना मानपुर थाना क्षेत्र इलाके के नेवाज़ीबीघा गांव की है। हत्या से इलाके में सनसनी मच गयी है। मृतक की पहचान गणेश कुमार के रूप में की गई है, जिसे अपराधियों ने पुलिस की मुखबिरी करने के आरोप में बर्बरता से मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को हिला कर रख दिया है, बल्कि साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है। घटना की शुरुआत तब हुई जब गणेश कुमार ने स्थानीय पुलिस को कुछ साइबर अपराधियों के बारे में सूचना दी थी। नेवाजी बीघा गांव और आसपास के क्षेत्रों में साइबर अपराधियों का दबदबा है, और ये अपराधी अपने अवैध कार्यों में किसी भी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करते। गणेश द्वारा दी गई जानकारी के कारण ये अपराधी गुस्से में थे और उन्होंने गणेश को सबक सिखाने की ठान ली। कंचनपुर गांव से गणेश का अपहरण कर लिया गया और उसे करीब 12 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान अपराधियों ने उसे लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना को और भी क्रूर बनाते हुए, अपराधियों ने गणेश की दोनों आंखें फोड़ दीं और उसके हाथ भी तोड़ दिए। हत्या के बाद, अपराधियों ने गणेश के शव को घोड़ा घाट इलाके में फेंक दिया और उसकी बाइक को भी आग के हवाले कर दिया। गणेश के शव की बरामदगी के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। गणेश के परिवार ने इस हत्या के लिए सीधे तौर पर साइबर अपराधियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि ये लोग साइबर फ्रॉड में लिप्त हैं और गणेश द्वारा उनकी सूचना पुलिस को देने के कारण उन्होंने यह जघन्य अपराध किया। स्थानीय पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हर संभव पहलू की जांच कर रही है। थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सटीक कारणों का पता चल पाएगा। हालांकि, प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि गणेश की पीट-पीटकर हत्या की गई थी। पुलिस अब उन सभी लोगों की तलाश में जुटी है जो इस हत्या में शामिल हो सकते हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या गिरफ्तार किए गए संदिग्धों का पहले से कोई आपराधिक इतिहास है या नहीं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध केवल एक तकनीकी खतरा नहीं है, बल्कि इसके परिणाम बेहद घातक हो सकते हैं। गणेश की हत्या ने पूरे इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया है, जहां लोग अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच, इस घटना ने पुलिस और प्रशासन के लिए भी एक गंभीर चेतावनी का काम किया है। यह घटना न केवल अपराधियों की क्रूरता को उजागर करती है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराध और उनके शिकार होने वाले निर्दोष लोगों की दयनीय स्थिति पर भी प्रकाश डालती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बावजूद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में न्याय कैसे मिलता है और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
