चिराग पासवान के घर पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन, एनडीए के नेताओं का हुआ महाजुटान
पटना। बिहार में 94.33 लाख गरीब परिवारों को रोजगार के लिए 2-2 लाख रुपए नीतीश सरकार देगी। इस ऐलान के बाद से बिहार की राजनीति गरमा गई है। एनडीए के नेता इसे नीतीश कुमार की जुमलेबाजी बताने में लग गए हैं। अलग-अलग नेताओं ने इस योजना को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। दरअसल, मकर सक्रांति तो बीत गई। लेकिन, दही-चूड़ा का भोज लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को पटना में रखा था। चिराग के घर पर आयोजित इस भोज में बड़ा राजनीतिक जुटान हुआ। एनडीए के घटक दलों के सभी बड़े नेता शामिल हुए। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर भी चिराग के दिए दावत में शामिल हुए। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री व हम के संरक्षक जीतन राम मांझी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के साथ ही जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सहित कई नेताओं ने दही-चूड़ा के भोज के साथ राजनीतिक चर्चा की। सांसद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की नई योजना पर कटाक्ष किया। कहा चुनावी सालों में लिया गया यह फैसला चुनावी हितों के लिए ही है। सवालिया लहजे में चिराग ने कहा कि अगर किसी परिवार को सरकार ने 2 लाख रुपया दे भी दिया तो क्या वो परिवार अपना पूरा जीवन उस रुपए में व्यतीत कर लेगा? जरूरत है सरकार गरीब परिवारों को एक स्थाई समाधान दें। 2 लाख रुपए देने से नहीं होगा। जब तक आप प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ाएंगे और कैप्टा इनकम नहीं बढ़ेगा, तब तक कुछ नहीं होगा। ये तब बढ़ेगा, जब आपका रेवन्यू बढ़ेगा। मुख्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए चिराग ने कहा ये सब कैसे होगा? आपके पास तो विजन ही नहीं है। हमारा कृषि प्रधान राज्य है और इसकी हालत बहुत बुरी है। 2 लाख का झुनझुना देकर चुनाव में वोट पाने की सोच रखना सरासर गलत है। जरूरत गरीब परिवारों के पर्मानेंट सेटलमेंट कराने की है। चिराग के घर से निकलते वक्त रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इतने दिनों से नीतीश कुमार को गरीब नजर नहीं आ रहे थे। चुनाव का समय है। वो चुनावी लाभ के लिए इस तरह की योजना ला रहे हैं। बाकी 18-20 सालों से वो सरकार में हैं। इतने सालों में उन्हें बिहार के गरीब नहीं दिखे। सीधी बात ये है कि उनकी जमीन खिसक गई है। अब वोट के जरिए उन्हें फायदा कैसे हो? कैसे फिर से कुछ हासिल करें? इसी सोच के साथ वो इस योजना को ला रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि ये नीतीश सरकार की जुमलेबाजी है। वो 18 साल के बाद आज कह रहे हैं कि बिहार के लोग गरीब हैं। अच्छी बात है। देना चाहिए। लेकिन, ये जालसाजी वाली सरकार है। जैसे ये लोग कहते हैं कि बिहार में हम लोगों ने 2 लाख नौकरी दी, मगर असलियत ये है कि अभी तक 1 लाख लोगों को भी नीतीश कुमार की सरकार ने नौकरी नहीं दी है। यहां सिर्फ बालू माफिया, जमीन माफिया और शराब माफिया फल-फूल रहे हैं। लालू 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि उनको बुला कौन रहा है? लालू प्रसाद की जगह तो जेल में है। लालू प्रसाद का मतलब क्या है? वो भ्रष्टाचार और आतंक के प्रतीक हैं। वो गुंडों के प्रतीक हैं। जो आदमी गुंडों को संरक्षण देने वाला है। उनका राम दरबार में क्या आवश्यकता है। वो अपराधी किस्म के नेता हैं। उन्हें कांग्रेस पार्टी ने समाप्त कर दिया। जबकि, जदयू ने केस दर्ज करवा उन्हें जेल में रखवाया। इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि चुनाव की घोषणा होगी तब पता चलेगा कि कौन-कितने सीटों पर लड़ेगा। पर सभी का हारना तय है।