सोशल मीडिया पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट पर प्रतिबंध की तैयारी, जल्द कड़ा कानून लाएगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री को लेकर केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इस विषय पर बयान देते हुए कहा कि ऐसी सामग्री, जो भारतीय संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है, उसे सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके लिए सरकार एक सख्त कानून लाने की योजना बना रही है।
डिजिटल युग की चुनौती
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव हमारे समाज पर गहरा असर डाल रहा है। इन प्लेटफार्मों पर परोसी जा रही सामग्री में कई बार अश्लीलता और आपत्तिजनक तत्व शामिल होते हैं, जो विशेष रूप से युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले कई देश और उनकी संस्कृति भारत से पूरी तरह अलग हैं। इस वजह से भारतीय समाज और मूल्यों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
भारतीय संस्कृति के अनुरूप सामग्री की मांग
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया पर सामग्री की निगरानी और उसके नियंत्रण के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना बहुत मजबूत है, और यह जरूरी है कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर साझा की जाने वाली सामग्री हमारी सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप हो।
मीडिया क्षेत्र की चुनौतियां
केंद्रीय मंत्री ने मीडिया के सामने खड़ी चार प्रमुख चुनौतियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक मीडिया को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि खबरें और सामग्री तेजी से डिजिटल माध्यमों की ओर स्थानांतरित हो रही हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पारंपरिक मीडिया की सामग्री का उपयोग करते हैं, उन्हें इसके लिए उचित मुआवजा देना चाहिए। यह पारंपरिक मीडिया के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
सोशल मीडिया पर निगरानी की जरूरत
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की सामग्री पर नजर रखने के लिए एक निगरानी संस्था की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। इस संस्था का उद्देश्य होगा कि प्लेटफॉर्म्स पर परोसी जाने वाली सामग्री भारतीय कानूनों और सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर चर्चा करने के लिए भी तैयार है।
युवाओं को गुमराह करने वाली सामग्री पर रोक
मंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि सोशल मीडिया पर मौजूद अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री का सीधा असर युवाओं पर पड़ता है। ऐसी सामग्री उनके मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम न केवल समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा, बल्कि युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देने में भी मदद करेगा।
सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म और उनकी जिम्मेदारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत में बड़े पैमाने पर उपयोग किए जा रहे हैं, और उनकी पहुंच हर उम्र और वर्ग के लोगों तक है। मंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि ये प्लेटफॉर्म अपनी जिम्मेदारी को समझें और भारतीय कानूनों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्लेटफॉर्म्स को अपनी नीतियों में पारदर्शिता लानी होगी और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपाय अपनाने होंगे। सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, लेकिन इस पर उपलब्ध सामग्री का स्तर और उसकी गुणवत्ता समाज के लिए चिंता का विषय है।
आपत्तिजनक सामग्री पर रोक लगेगी, स्वस्थ डिजिटल वातावरण तैयार होगा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित इस कदम से उम्मीद है कि सोशल मीडिया पर फैल रही आपत्तिजनक सामग्री पर रोक लगेगी और एक स्वस्थ डिजिटल वातावरण तैयार होगा। यह पहल केवल कानून बनाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे प्रभावी तरीके से लागू करना भी जरूरी है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि नागरिकों को डिजिटल साक्षरता और जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाया जाए ताकि वे भी ऐसी सामग्री की पहचान कर सकें और उसे रिपोर्ट कर सकें। सरकार की यह पहल भारतीय समाज के सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह देश में सोशल मीडिया के जिम्मेदार और सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देगा।