February 7, 2025

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला-28 वर्ष के बाद सभी आरोपी बरी,कोर्ट ने कहा विध्वंस सुनियोजित नहीं था

अमृतवर्षा सेन्ट्रल डेस्क।6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में 28 साल बाद आज फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि मस्जिद विध्वंस सुनियोजित नहीं थी। उल्लेखनीय है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत 6 आरोपियों ने पेशी से छूट मांगी।विदित हो कि उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। ये सभी लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए। इसके पूर्व फैसले से पहले अदालत परिसर को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। उच्च न्यायालय के कैसरबाग स्थित पुराने परिसर में विशेष सीबीआई अदालत के आसपास ज्यादातर चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई और कैसरबाग बस अड्डे की तरफ जाने वाली बसों का रास्ता भी बदला गया।अदालत परिसर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी यातायात को बेहद नियंत्रित रखा गया है।मामले के अभियुक्तों ने अदालत परिसर में पहुंचना शुरू किया तो मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने उनकी समुचित जांच करने के बाद ही उन्हें दाखिल होने दिया।लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने भी मौके पर पहुंच कर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया।

फैसला सुनाए जाने से पहले ही उमा भारती ने कहा है कि न्यायालय द्वारा जो भी सजा मुझे दी जाएगी वह मुझे स्वीकार है। राम मंदिर को लेकर मुझे जो भी सजा मिलेगी मैं स्वीकार करूंगी।उमा भारती ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर यह चुनाव समिति का सदस्य बनने की इच्छा जाहिर की।उन्होंने लिखा कि 30 सितंबर को विशेष अदालत द्वारा राम मंदिर मामले में फैसला सुनाया जाएगा।न्यायालय का जो भी फैसला होगा वह स्वीकार है। हालांकि फैसले के दौरान विशेष अदालत में उपस्थित होना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मैं उपस्थित नहीं हो रही हूं. मुझे राम मंदिर के लिए जो भी सजा मिलेगी मैं तैयार हूं।

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