मुजफ्फरपुर में महिला दरोगा का घूस मांगने का ऑडियो वायरल, विभाग ने किया सस्पेंड
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक महिला दरोगा को फोन पर घूस मांगने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। सरैया थाने की महिला सब इंस्पेक्टर संवेदना स्नेही का रविवार को अपहरण के मामले में रिश्वत मांगने का ऑडियो सामने आया था। इसी को आधार बनाते हुए सरैया एसडीपीओ कुमार चंदन ने एसआई पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। एसएसपी राकेश कुमार ने उन्हें सस्पेंड किया है। ये पूरा मामला नाबालिग के अपहरण से जुड़ा है। सरैया थाना में प्रेम-प्रसंग में नाबालिग लड़की के अपहरण का केस दर्ज हुआ था, जिसकी छानबीन एसआई स्नेहा कर रही थीं। महिला दरोगा पर आरोप है कि इस केस में आरोपी का नाम का काटने के लिए उन्होंने 20 हजार रुपए घूस ली। हालांकि, वायरल ऑडियो सामने आने पर सब इंस्पेक्टर का कहना है कि 20 हजार उसे नहीं मिले। 12 जनवरी 2024 को एक नाबालिग लड़की का अपहरण हुआ था। जिसे लेकर नाबालिग के पिता राजकुमार पांडे ने सरैया थाने में केस दर्ज कराया था। राजकुमार ने अपनी एफआईआर में बताया कि उसकी बेटी घर के पीछे शौच के लिए निकली थी। इसी दौरान पहले से घात लगाकर बैठे मनीष कुमार और उसके 3-4 साथियों ने हथियार के बल पर बेटी को जबरदस्ती उठा लिया और भाग निकले। नाबालिग के चिल्लाने पर लोग जब वहां पहुंचकर उसकी खोजबीन करने लगे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। पिता ने अपनी शिकायत में मनीष कुमार उसके पिता रामेश्वर ठाकुर, चाचा रामनरायण ठाकुर, बहन रूबी कुमारी और मां माधुरी देवी पर आरोप लगाया। यह केस एसआई स्नेही के हाथ में था। इस केस में आरोपी मनीष के जीजा को एक महीने पहले हिरासत में लाया गया था, फिर उससे बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया गया था। रविवार की सुबह श्याम सुंदर ने महिला ने दारोगा को फोन किया। बातचीत में घूसखोरी की बात हो रही है। दरोगा कह रही है कि थाना आओ और अपना काम कराओ। एसआई कहती है, 20 हजार से कम में तुम्हारा काम नहीं होगा। 10 हजार देने की बात कहता है। दरोगा नहीं मानी, तो 11 हजार देने की बात कही। एसआई 20 हजार से कम में काम न होने की बात कह कर फोन काट देती है। संवेदना स्नेही ने कहा कि आरोपी के जीजा श्याम सुंदर काे थाना पर एक महीने पहले लाया गया था। पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया। उससे 20 हजार रुपए किसने लिए, ये हमको क्या पता। हमने घूस की डिमांड नहीं की है। ये सब फंसाने की साजिश है। एक सोशल मीडिया के पत्रकार सुबह में पैसा दे रहे थे। पूछिए, उनसे हमने नहीं लिया।