रोहिणी आचार्य का बिहार की डबल इंजन सरकार पर हमला, भोजपुरी गाने से सीएम नीतीश पर कसा तंज
पटना। बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पहले से ही सोशल मीडिया के जरिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, और अब उनकी बहन रोहिणी आचार्य भी उनके साथ आ गई हैं। दोनों मिलकर बिहार की डबल इंजन सरकार को निशाना बना रहे हैं। रोहिणी ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए लिखा, “बिहार में दावा तो कानून के राज का किया जा रहा है, लेकिन जो लोग कानून व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वे अनिश्चितकालीन अवकाश पर हैं। वहीं, इस तंत्र को लागू करने वाले लोग आंखों पर पट्टी और कानों में तेल डाल कर सोए हुए हैं।” रोहिणी का यह बयान राज्य की कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति पर कटाक्ष करता है और यह संकेत देता है कि प्रशासनिक तंत्र निष्क्रिय हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि अगर राजधानी पटना की स्थिति को देखा जाए तो वहां पिछले छह महीनों में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं। पटना में हो रही आपराधिक वारदातों की सूची अंतहीन है, जो स्पष्ट करती है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अगर राजधानी में ही अपराध का ये आलम है, तो राज्य के अन्य हिस्सों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। रोहिणी ने अपने तंज को और तीखा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता “पार्टी विथ डिटर्जेंट” से मिले “चमको साबुन” का इस्तेमाल कर खुद को चमकाने में लगे हुए हैं। इस दौरान वे राज्य की असली समस्याओं से आंखें मूंदे हुए हैं। उनका कहना है कि सत्ता में बैठे लोग अपने निजी स्वार्थों में उलझे हुए हैं, जबकि राज्य की जनता अपराध और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के सहयोगी दल केवल अपने निजी फायदे के लिए खेसरा-खतियान (जमीन संबंधी दस्तावेज) में उलझे हुए हैं, जबकि कानून-व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। रोहिणी आचार्य के इस बयान से साफ है कि वे सरकार की निष्क्रियता और अपराध पर लगाम लगाने में असमर्थता को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में “सुशासन” का दावा झूठा है और इसके पीछे की वास्तविकता बिल्कुल विपरीत है। रोहिणी का यह बयान जनता के बीच सरकार की छवि को और धूमिल करने वाला है, क्योंकि उन्होंने इसे बहुत ही साधारण और स्पष्ट भाषा में व्यक्त किया है। इस प्रकार, रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला किया है, जिसमें उन्होंने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और सरकार की निष्क्रियता को मुख्य मुद्दा बनाया है।