नीतीश के हाथ जोड़ने पर तेजस्वी का हमला, कहा- अभी वे कमजोर और लाचार सीएम, तभी ये करना पड़ा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पुलिस अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ने की घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को कमजोर और लाचार बताया, और उनके इस आचरण को बिहार की बिगड़ती प्रशासनिक स्थिति का प्रतीक करार दिया। तेजस्वी का कहना है कि मुख्यमंत्री का इस तरह अधिकारियों से गुहार लगाना उनके प्रशासनिक असमर्थता का प्रमाण है और यह राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक चिंताजनक संकेत है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1239 नवनियुक्त दरोगा अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने बिहार के डीजीपी आलोक राज और गृह सचिव के सामने हाथ जोड़कर कानून व्यवस्था में सुधार और पुलिस बल में भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया। मंच पर नीतीश कुमार ने हाथ जोड़ते हुए कहा, “बताओ, क्या आप काम जल्दी कराओगे?” इस पर डीजीपी ने जवाब दिया कि बिहार पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देशों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और त्वरित भर्ती और सुदृढ़ प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने डीजीपी को शुक्रिया कहा। नीतीश कुमार का यह सार्वजनिक रूप से अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ने का आचरण तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गया।
तेजस्वी यादव का सोशल मीडिया से हमला
मंगलवार को तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जनहित के कार्य करवाने के लिए अपने मातहत अधिकारियों के सामने बार-बार हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाना क्या एक असहाय, असमर्थ, अशक्त, अस्वस्थ, बेबस, लाचार और कमजोर मुख्यमंत्री की निशानी नहीं है?” तेजस्वी का आरोप था कि मुख्यमंत्री का यह आचरण दिखाता है कि राज्य में शासन पूरी तरह समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री का गिड़गिड़ाने वाला यह रवैया लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार से शुभ संकेत नहीं है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का यह व्यवहार दिखाता है कि उनकी नैतिकता समाप्त हो चुकी है, विश्वसनीयता शून्य हो गई है, और समाज में उनकी स्वीकार्यता न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। इस कारण, उन्हें अधिकारियों के सामने इस प्रकार का आचरण करना पड़ रहा है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
तेजस्वी यादव की इस तीखी प्रतिक्रिया को बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को अपराध और प्रशासनिक विफलताओं के लिए लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। खासकर, पुलिस बल में सुधार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर होती जा रही है। तेजस्वी यादव ने इस घटना के बहाने यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि नीतीश कुमार अब पहले जैसे प्रभावशाली और सशक्त मुख्यमंत्री नहीं रहे। उनका कहना है कि नीतीश कुमार की कमजोर स्थिति का सीधा प्रभाव राज्य के प्रशासनिक तंत्र पर पड़ रहा है, जिससे राज्य में गवर्नेंस पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।
नीतीश कुमार को लेकर जदयू ने दी सफाई
हालांकि, नीतीश कुमार का यह आचरण उनके प्रशंसकों द्वारा उनकी विनम्रता और अधिकारियों से संवाद स्थापित करने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। उनके समर्थकों का कहना है कि नीतीश कुमार हमेशा से ही एक सुलझे हुए और शालीन नेता रहे हैं, जो अधिकारियों और जनता के साथ संवाद करते हैं। उन्होंने अधिकारियों से हाथ जोड़कर काम करने का अनुरोध किया ताकि राज्य में प्रशासनिक सुधार हो सके, खासकर पुलिस बल में तेजी से भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो और कानून व्यवस्था मजबूत हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस सुधार के प्रयासों को तेज करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, और उनका यह कदम इस बात का संकेत है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था को प्राथमिकता दे रहे हैं। तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार पर इस हमले ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मचा दी है। जहां एक तरफ विपक्षी दल मुख्यमंत्री की इस घटना को उनकी प्रशासनिक असमर्थता के प्रतीक के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार के समर्थक इसे उनकी विनम्रता और संवाद स्थापित करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। यह घटना बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर करती है, और यह भी दिखाती है कि राज्य की राजनीति में शक्ति संतुलन कैसे बदल रहा है।