अतिक्रमण हटाना बना पदाधिकारियों की मनमानी, स्थिति हो स्पष्ट वर्ना सिटी बंद
पटना सिटी (आनंद केसरी)। कोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं, मगर इसकी आड़ में नगर निगम के अधिकारी-पदाधिकारियों की मनमानी की छूट नहीं दी जाएगी। ऐसे मनमाना जुर्माना करने और एफआईआर करने की धमकी दे लोगों का शोषण करने वाले पदाधिकारियों पर बिहार सरकार कार्रवाई करे, वरना महागठबंधन के नेता मिलकर विरोध का स्वर बुलंद कर आंदोलन को मजबूर होंगे। यह बात शहीद भगत सिंह चौक पर राजद, कांग्रेस, हम, माले आदि के नेताओं ने बुधवार को कही। कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में सिटी बंद का आयोजन किया जाएगा। धरना की अध्यक्षता पूर्व पार्षद बलराम चौधरी ने की। पूर्व डिप्टी मेयर सह राजद नेता संतोष मेहता ने एमपी और एमएलए को भी घेरा, जो मकान-दुकान को नहीं टूटने की बात हमेशा से करते रहे थे। आज वे अतिक्रमण हटाने के नाम पर मनमाना जुर्माना वसूली पर जनता के दर्द पर चुप्पी साधे हैं। धरना को संबोधित करने वालों में का कांग्रेस के राजकुमार राजन, परवेज अहमद, प्रमोद सिन्हा, इबरार अहमद, पप्पू त्रिवेदी, मनोज मेहता, राजद के मो. जावेद, धर्मेन्द्र प्रसाद मुन्ना, शिव मेहता, रजनीश राय, कृष्ण कु यादव, हम के अंजनी पटेल, माले के नारायण सिंह, देवरत्न प्रसाद आदि ने प्रशासन और निगम के अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। कोर्ट ने अवैध निर्माण को तोड़ने को कहा, मगर मनमाने तरीके से लोगों का छज्जा, यहां तक कि दुकान का शटर तोड़ा जा रहा है। घर-दुकान के आगे निगम या पीडब्ल्यूडी नाला बनाएगा, तो लोग घर के अंदर खुद या वाहन ले जाने को चबूतरा तो बनाएंगे ही। निगम लोगों की दुकान-प्रतिष्ठान पर लगे बोर्ड को उतार-तोड़ दे रहा है। आखिर लीगों को कैसे पता चलेगा कि किस दुकान में क्या सामान मिल रहा है। इस बारे में भी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं किया गया है। अजहॉक राजपथ पर कोई ट्राम नहीं चलना है कि 2-3मंजिला पुराने छज्जा को तोड़ पुराने शहर की पहचान को मिटाने पर निगम तुला है। अंत में कहा गया कि जल्द मनमानी करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई कर अतिक्रमण को ले स्थिति स्पष्ट नहीं कि गई तो जल्द पटना सिटी बंद का आह्वान महागठबंधन में शामिल दलों के द्वारा किया जाएगा।