November 24, 2024

विधानसभा के लिए लोगों से 100 रुपए की आर्थिक सहायता मांगेंगे प्रशांत किशोर, जल्द शुरू होगा अभियान

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच प्रशांत किशोर और उनकी टीम जन सुराज के बैनर तले तेजी से सक्रिय हो रहे हैं। प्रशांत किशोर, जिन्हें पीके के नाम से भी जाना जाता है, अपने राजनीतिक अभियान के लिए एक अनोखी रणनीति अपना रहे हैं। इस बार वे चुनावी फंडिंग के लिए जनता से सीधा आर्थिक समर्थन मांगने की योजना बना रहे हैं। प्रशांत किशोर ने इस बात को स्वीकार किया है कि चुनावी अभियान के लिए फंडिंग एक बड़ी चुनौती है। चुनाव के दौरान पैसों की कमी से बचने के लिए, उन्होंने बिहार के लोगों से आर्थिक सहायता की अपील की है। उनकी योजना है कि वे राज्य के दो करोड़ लोगों से 100-100 रुपये का योगदान मांगेंगे। यह अभियान 2 अक्टूबर से शुरू होगा, जब वे अपने राजनीतिक दल की आधिकारिक घोषणा करेंगे। इस योगदान के जरिए प्रशांत किशोर की टीम को 200 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है, जो उनके चुनावी अभियान के लिए पर्याप्त हो सकता है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे चुनाव लड़ने के लिए ‘लूट-खसोट’ के पैसे का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में उन्होंने कई लोगों की मदद की है और फिलहाल उन्हीं लोगों से आर्थिक सहायता लेकर अपना काम चला रहे हैं। प्रशांत किशोर ने अपनी पारदर्शिता और नैतिकता को लेकर उठते सवालों का भी जवाब दिया है। उनका कहना है कि वे बिहार के लोगों से पारदर्शी और नैतिक तरीके से सहायता मांग रहे हैं ताकि चुनावी प्रक्रिया साफ-सुथरी और जनता के हित में हो सके। बिहार की राजनीति में जाति का महत्व सभी जानते हैं, और इसे लेकर प्रशांत किशोर से भी सवाल किए गए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि जातिगत राजनीति का प्रभाव है, लेकिन उनका मानना है कि अगर कोई विचारधारा या नीति लोगों को प्रभावित करती है, तो वे इसे समर्थन देने के लिए तैयार होते हैं। पीके ने कहा, “मैं ये नहीं कहता कि जाति महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन केवल इसी के आधार पर लोग वोट नहीं करते हैं। अगर हम लोगों के सामने एक मजबूत और स्पष्ट विचारधारा प्रस्तुत करेंगे, तो लोग हमें जरूर समर्थन देंगे। जन सुराज के बैनर तले प्रशांत किशोर की टीम बिहार के विभिन्न हिस्सों में पदयात्रा और कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस दौरान वे जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और उन्हें अपने अभियान से जोड़ रहे हैं। सदस्यता अभियान भी तेजी से चल रहा है, और इसे लेकर युवाओं और विभिन्न वर्गों में उत्साह देखा जा रहा है। प्रशांत किशोर का यह कदम, जिसमें वे लोगों से सीधे आर्थिक सहायता मांग रहे हैं, बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी इस पहल को जनता कितना समर्थन देती है और यह आगामी विधानसभा चुनावों में किस प्रकार के परिणाम देती है। 2 अक्टूबर को राजनीतिक दल की औपचारिक घोषणा के बाद, यह अभियान और भी जोर पकड़ेगा। प्रशांत किशोर की इस रणनीति से यह भी स्पष्ट होता है कि वे पारंपरिक राजनीति से अलग हटकर, जनता की भागीदारी और समर्थन पर अधिक जोर दे रहे हैं।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed