मंत्री अशोक चौधरी को लेकर जदयू एमएलसी पर भड़क गए जदयू नेता.. दे दिया करारा जवाब
पटना।उपेंद्र कुशवाहा प्रकरण को लेकर जदयू में जारी घमासान के बीच जहां जदयू के ही विधान पार्षद रामेश्वर महतो के द्वारा बार-बार भवन निर्माण मंत्री तथा सीएम नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी पर निशाना साधा जा रहा है।वहीं दूसरी और अब अशोक चौधरी खेमे से भी रामेश्वर महतो को चुनौती मिलने लगी है।जदयू के प्रदेश सचिव तथा मंत्री अशोक चौधरी के करीबी रंजीत कुमार झा ने विधान पार्षद रामेश्वर महतो पर निशाना साधते हुए उन्हें जवाब दिया है।जदयू के प्रदेश सचिव रंजीत कुमार झा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से विधान पार्षद रामेश्वर महतो पर कड़ी टिप्पणियां की है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जदयू के प्रदेश सचिव ने पूछा है कि ‘व्याकुल नेताजी के अघोषित प्रवक्ता आदरणीय रामेश्वर महतो जी,अगले साल बाद आपकी विधान परिषद की सदस्यता खत्म होने वाली है।जिसके कारण आप काफी बेचैन हैं और लगातार डॉ अशोक चौधरी जी के बारे में अनाप-शनाप फेसबुक पोस्ट किए जा रहे हैं। आप अपने राजनीतिक जीवन में कभी राजनीतिक कार्यकर्ता तो रहे नहीं बल्कि सेटिंग करके टैक्स वाले नेताजी के जरिए पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता का हक मार कर विधान परिषद में पहुंच गये।इसलिए आपको डॉ अशोक चौधरी जी के राजनीतिक कार्यशैली के बारे में जानकारी नहीं है। अपने राजनीतिक कार्यकुशलता के बदौलत डॉ अशोक चौधरी जी ने चार विधायक वाली कांग्रेस पार्टी को 27 विधायक तक पहुंचाया और कई सामान्य राजनीतिक कार्यकर्ता को सदन तक पहुंचाया ।आपने डॉ दिलीप चौधरी के बारे में चर्चा किया तो आप अपनी जानकारी को दुरुस्त कर ले कि जदयू में आने के बाद अशोक चौधरी ने उनको विधान परिषद चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी बनवाया लेकिन दुर्भाग्यवश भाजपा के द्वारा आंतरिक विरोध करने के कारण वह चुनाव नहीं जीत पाए। स्व तनवीर अख्तर जी के बारे में आपने जिक्र किया तो अगर कभी मौका मिले तो जाकर उनके परिजनों से बात करिएगाकरिएगा, आपको पता चलेगा की उनके निधन के बाद से उनकी पत्नी को विधान परिषद में जाने से लेकर आज तक किस मौजूदगी से डॉ अशोक चौधरी उनके साथ खड़े हैं। रामचंद्र भारती के बारे में आपको पता नहीं है कि वे मुख्यमंत्री के क्षेत्र के हैं और उनके पुराने शुभचिंतकों में रहे हैं और मुख्यमंत्री ने ही उन्हें विधान परिषद में भेजा था और आज भी मुख्यमंत्री जी के करीबी नेताओं में है।उन्होंने कहा कि रामेश्वर महतो जी आपकी याददाश्त थोड़ी कमजोर हो गई है। इसलिए आपको यह नहीं पता है कि राजेश राम को जदयू से कांग्रेस में ले जाकर 2015 में विधान परिषद चुनाव जीताने मे अशोक चौधरी की भूमिका रही है और फिर 2022 में जब वह जदयू में आए तो उनके चुनाव में अशोक चौधरीउनके क्षेत्र में जाकर लगातार मेहनत किए। रामेश्वर महतो जी आप सिर्फ कुशवाहा-कुशवाहा अपने फायदे के लिए रट रहे हैं।लेकिन जब एक कुशवाहा का बेटा तारापुर से चुनाव लड़ रहे थे।उस समय आप अपने टैक्स वाले नेता जी का पीआर कर रहे थे।लेकिन डॉ अशोक चौधरी जी लगातार तारापुर में महीनों तक कैंप करके कुशवाहा के बेटा को विधानसभा तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका अदा की। जदयू के प्रदेश सचिव रणजीत कुमार झा ने बताया कि इस प्रकार की अनाप-शनाप अनर्गल बयानबाजी से विधान पार्षद रामेश्वर महतो तो कुछ प्राप्त नहीं होने वाला है।