अशोक चौधरी ने मुकेश रौशन को दिया जदयू में आने का न्योता, वहां सब गड़बड़, उनको छोड़कर जल्दी इधर आए
पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल मची हुई है। लालू यादव के बड़े बेटे और आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव के हालिया बयान के बाद सियासी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। इस विवाद के बीच, आरजेडी के विधायक मुकेश रौशन को जेडीयू में शामिल होने का प्रस्ताव मिला है। इस ऑफर को बिहार सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले अशोक चौधरी ने सार्वजनिक रूप से रखा। अशोक चौधरी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि आरजेडी की पार्टी और उसकी विचारधारा दोनों ही गलत दिशा में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी केवल परिवारवाद और परिवार के सदस्यों को ही प्राथमिकता देती है। इसके विपरीत, जेडीयू में विकास और सुशासन को महत्व दिया जाता है। अशोक चौधरी ने दावा किया कि इससे पहले भी उन्होंने मुकेश रौशन को जेडीयू में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब समय आ गया है कि वे सही निर्णय लें।अशोक चौधरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आरजेडी में “सब गड़बड़” चल रहा है। उन्होंने आरजेडी के संगठनात्मक ढांचे और उसके नेताओं के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इसे “परिवार-केंद्रित” बताया। उनके अनुसार, ऐसी पार्टी में भविष्य की संभावनाएं सीमित हैं। इसके उलट, जेडीयू ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने मुकेश रौशन से आग्रह किया कि वे आरजेडी को छोड़कर जेडीयू में शामिल हो जाएं और राज्य के विकास में भागीदार बनें। बिहार की राजनीति में अक्सर “परिवारवाद” एक बड़ा मुद्दा रहा है। आरजेडी पर यह आरोप हमेशा से लगता रहा है कि पार्टी में लालू यादव के परिवार का वर्चस्व है। इसी मुद्दे को उठाते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि जेडीयू एक ऐसी पार्टी है जो हर वर्ग और समुदाय को साथ लेकर चलती है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास के नए आयाम छुए गए हैं। अशोक चौधरी ने अपने बयान में मुकेश रौशन को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करते हुए कहा कि वे जितनी जल्दी हो सके जेडीयू में शामिल हो जाएं। उन्होंने कहा कि जेडीयू में शामिल होकर वे राज्य के विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। यह बयान एक तरह से आरजेडी के भीतर चल रहे असंतोष और जेडीयू की ओर से संभावित राजनीतिक विस्तार की योजना का संकेत देता है। अशोक चौधरी का यह बयान न केवल आरजेडी के आंतरिक विवादों को उजागर करता है, बल्कि जेडीयू के लिए संभावित नए सहयोगियों को आकर्षित करने की रणनीति का भी हिस्सा है। वही तेजप्रताप यादव के महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। 5 दिन पहले एक कार्यक्रम में तेजप्रताप ने कहा था कि ‘अगर महुआ की जनता चाहेगी तो मैं फिर से यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा।’ इस बयान के बाद महुआ से वर्तमान आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि ‘पार्टी का जो फैसला होगा उसे मानूंगा।’ उसके बाद वो बीच सड़क पर फूट-फूट कर रोने लगे। तेजप्रताप रविवार को हाजीपुर में एक अस्पताल का उद्घाटन करने जोहरी बाजार पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा, ‘मैंने महुआ में सड़क,अस्पताल का निर्माण कराया है। अगर महुआ की जनता चाहेगी तो मैं 2025 में यहीं से चुनाव लड़ूंगा। ये मेरा पुराना विधानसभा क्षेत्र है। तेजप्रताप यादव वर्तमान में समस्तीपुर के हसनपुर के विधायक हैं। महुआ सीट से 2015 में चुनाव जीते थे। उन्हें 66,927 वोट मिले थे। नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में 2015 में तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्री का पद भी मिला था। 2020 का विधानसभा चुनाव हसनपुर से लड़ा था। बता दें कि 2020 में महुआ से मुकेश रौशन आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते थे। मुकेश रौशन को 62,580 वोट मिले थे, जो तेज प्रताप यादव से 4,347 हजार कम थे।