तेजस्वी पर अशोक चौधरी का पलटवार, कहा- डेढ़ साल पथ निर्माण उनके पास रहा, इस कारण उनको भी जवाब देना चाहिए

पटना। बिहार में पुलों के गिरने पर सियासत जारी है। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव इसके लिए डबल इंजन सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं, वहीं सत्ताधारी दल इसका दोष विपक्ष पर मढ़ रहे हैं। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने पुल गिरने की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव पर डाली है। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग डेढ़ साल तक तेजस्वी यादव के पास था, इसलिए उन्हें भी इसका जवाब देना चाहिए। अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार में अलग-अलग विभागों के तहत जितने भी पुल हैं, उन सभी पुलों के मेंटेनेंस के लिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। नए और पुराने पुलों की स्थिति और उनके मेंटेनेंस को लेकर मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री सेतु योजना, जो 2016 में बंद हो गई थी, उसे फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर नदी के रूट बदलने और सेंटरिंग गिरने की वजह से ऐसी घटनाएं हुई हैं। जो ठेकेदार काम कर रहे थे, उन पर सरकारी धन के दुरुपयोग का केस दर्ज किया जाएगा। ठेकेदारों पर FIR का प्रावधान नहीं है, लेकिन अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो निश्चित रूप से सरकारी धन के दुरुपयोग का केस दर्ज किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा पुलों के गिरने को लेकर सवाल उठाने पर मंत्री ने कहा कि यह विभाग आरजेडी के पास था और तेजस्वी यादव इसके मंत्री थे। जबसे जेडीयू के पास विभाग आया, उसके बाद चुनाव हुआ और अभी 20 दिन का समय मिला है। ऐसे में कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारी 20 दिन वाली पार्टी की है या डेढ़ साल से जिसके पास विभाग था, उसकी जिम्मेदारी है। चौधरी ने जोर देकर कहा कि तेजस्वी यादव को इस मामले में सवाल उठाने से पहले अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यदि विभाग उनके पास था, तो वे भी इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें भी इसका जवाब देना चाहिए। इस तरह, बिहार में पुलों के गिरने पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी है और हर पार्टी अपने-अपने तरीकों से बचाव कर रही है।

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