November 21, 2024

ओलंपिक में सिल्वर जीतने पर नीरज की मां ने कहा, ये भी गोल्ड जैसा, अरशद भी हमारे बेटे जैसा

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 के जैवलिन थ्रो मुकाबले में गुरुवार देर रात नीरज चोपड़ा ने अपने देश को एक और गौरवपूर्ण पल दिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया, जो भारत के लिए इस ओलंपिक का पांचवां मेडल है। हालांकि, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने इस मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए 92.97 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। यह एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड भी है। जैसे ही नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता, पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। देर रात लोगों ने जश्न मनाया और सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया। नीरज चोपड़ा के इस उपलब्धि पर उनके परिवार की भी प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा उनकी मां सरोज देवी के बयान की हो रही है। नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि उनके लिए यह सिल्वर मेडल भी गोल्ड के समान ही है। उन्होंने बताया कि नीरज इंजर्ड थे और इसके बावजूद उन्होंने इतना बेहतरीन प्रदर्शन किया, जो उनके लिए किसी स्वर्ण पदक से कम नहीं है। सरोज देवी ने अपने बयान में खेल भावना और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए कहा कि अरशद नदीम, जिन्होंने गोल्ड मेडल जीता है, वह भी हमारे बेटे की तरह है। उन्होंने यह भी कहा कि नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया है, और हमें दोनों पर गर्व है। सरोज देवी के इस बयान ने न सिर्फ भारत, बल्कि पाकिस्तान में भी लोगों का दिल जीत लिया। सरोज देवी का यह बयान खेल की दुनिया में एक सकारात्मक संदेश देने वाला है, जहां अक्सर प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ-साथ सम्मान और आपसी भाईचारे की बातों का जिक्र कम होता है। उनके इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि खेल केवल जीत और हार का माध्यम नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आपसी समझ और नजदीकी बढ़ाने का भी जरिया हो सकता है। नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन की बात करें तो, उन्होंने फाइनल मुकाबले में पांच में से चार प्रयासों में फाउल किया। हालांकि, उनके दूसरे प्रयास में उन्होंने भाला 89.45 मीटर दूर फेंका, जो उनके इस सीजन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। इस थ्रो ने उन्हें सिल्वर मेडल दिलाया और भारत को एक और गर्व का पल प्रदान किया। नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि ने उनके समर्थकों और देशवासियों को गर्व का एहसास कराया। हालांकि, गोल्ड मेडल से चूकने के बावजूद, उनके इस प्रदर्शन की सराहना की जा रही है। यह दिखाता है कि नीरज केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि देश के लिए प्रेरणा के स्रोत बन चुके हैं। उनकी मां सरोज देवी ने जिस तरह से दोनों देशों के बीच के संबंधों को महत्व दिया और अरशद नदीम को अपने बेटे जैसा बताया, वह उनके खुले दिल और बड़े सोच का प्रतीक है। यह बयान खेल जगत में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है, जहां खेल के माध्यम से दो देशों के बीच के संबंधों को मजबूत करने की बात की गई है। नीरज चोपड़ा का सिल्वर मेडल जीतना न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। और उनकी मां सरोज देवी के इस बयान ने साबित कर दिया कि खेल केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है, जो लोगों को जोड़ता है, भले ही वे किसी भी देश के हों।

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