लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की कोर्ट में पेशी कल, सीबीआई ने चार्जशीट में तेजस्वी को भी बनाया आरोपी
पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में पहले चार्जशीट में लालू-राबड़ी और मीसा भारती को आरोपी बनाया गया। वे पहले ही इस मामले से जुड़े एक केस में जमानत पर चल रहे हैं। अब सीबीआई की तरफ से एक नई चार्जशीट दाखिल कर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है। लैंड फॉर जॉब्स केस में तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट ने मंजूर कर ली है। उनके खिलाफ भी केस चलेगा। सीबीआई ने पहली बार बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया है। सभी को 4 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है। लालू परिवार का पक्ष सुनने के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट अब इस मामले में आरोप गठित करेगी।
जानें क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लालू के रेलमंत्री रहते हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम हुआ था। लालू और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था। रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने लोगों को रेलवे में फोर्थ ग्रेड की नौकरी दी। इसके बदले में उन्होंने लोगों ने अपनी जमीन दे दी। पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम है। दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं। तीसरी सेल डीड 2015 की है जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है। इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है। जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया। एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम किया गया जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लाट दिया गया। बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं। वही जिन लोगों ने या जिनके परिवार वालों ने लालू के परिवार वालों को ये जमीनें दीं न सबको लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी दी गई। सीबीआई के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में सात लोगों से 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली। उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।
2009 में लोकसभा में ममता बनर्जी उठाया था मामला
2009 में इस मुद्दे को लेकर हंगामा मचा था। तब उस समय की रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में सीबीआई जांच की बात कही थी। तब लालू यादव ने कहा था कि उन्हें इन सब की कोई जानकारी नहीं। उन्होंने केवल अपना काम ईमानदारी से किया है। इसके अलावा वे कुछ नहीं जानते हैं। सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी जमीन काफी कम कीमत पर राबड़ी देवी के नाम कर दी। यानी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी को बेच दी। साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई।
तेजस्वी पर केस दर्ज करने से पहले सीबीआई और ईडी ने की थी 8 घंटे की पूछताछ
10 मार्च 2023 को सीबीआई के बाद ईडी की इस मामले में एंट्री हुई। ईडी दिल्ली, बिहार और यूपी के 15 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के बाद ईडी ने बताया कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या एबी एक्सपोर्ट्स के नाम रजिस्टर्ड है। इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है। दिल्ली के पॉश इलाके का ये मकान मात्र 4 लाख रुपए में ली गई थी। अभी कीमत 150 करोड़ है। इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसे लगाए। कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं। वहीं, इस मामले में केस दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार की एजेंसी सीबीआई और ईडी 8-8 घंटे पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने मार्च में और ईडी ने मई में उनसे पूछताछ की थी। उनसे जमीन खरीद-बिक्री से लेकर न्यू फेंड्स कॉलोनी की बिल्डिंग के संबंध में पूछताछ हुई थी। तब तेजस्वी ने बताया था कि हमसे बार-बार पूछा जाता है कि घोटाला हुआ है। हम हर बार कहते हैं कि नहीं। सीबीआई की तरफ से जुलाई में इस केस में नया चार्जशीट दायर किया गया। इसमें लालू और राबड़ी के साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है। लालू परिवार के साथ 17 अन्य लोगों को भी इसमें आरोपी बनाया गया है।