December 27, 2024

प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद की 140वीं जयंती पर राजकीय समारोह आयोजित, नीतीश ने दी श्रद्धांजलि

पटना। मंगलवार को भारत के प्रथम राष्ट्रपति और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 140वीं जयंती के अवसर पर बिहार सरकार द्वारा भव्य राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा और समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस आयोजन ने न केवल डॉ. प्रसाद की महानता और उनकी ऐतिहासिक भूमिका को पुनः रेखांकित किया, बल्कि उनकी स्मृतियों को संजोने और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया। जयंती समारोह की शुरुआत पटना के राजेन्द्र चौक स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर हुई, जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर स्वदेशी कंबल आश्रम की महिलाओं को साड़ियां वितरित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इसके बाद राजेन्द्र घाट समाधि स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और देशरत्न को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। समारोह में बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, और कई अन्य मंत्री और विधायकों ने भी भाग लिया। सभी ने डॉ. प्रसाद के योगदान को नमन किया और उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्रोत के रूप में याद किया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। 3 दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई में जन्मे डॉ. प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े। उनकी नेतृत्व क्षमता और निष्ठा ने उन्हें देश का प्रथम राष्ट्रपति बनाया। डॉ. प्रसाद को उनकी सरलता, निःस्वार्थ सेवा और भारतीय संस्कृति के प्रति गहन सम्मान के लिए जाना जाता है। उनकी अध्यक्षता में ही भारतीय संविधान सभा ने संविधान निर्माण का ऐतिहासिक कार्य पूरा किया। वे सादगी और त्याग के प्रतीक थे और “देशरत्न” की उपाधि से विभूषित किए गए। राजकीय समारोह में सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों ने देशभक्ति गीत, बिहार गीत, और आरती पूजन प्रस्तुत किए। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह में एक विशेष रंग भरा और वहां उपस्थित लोगों को देशभक्ति और एकता का संदेश दिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों ने बिहार की सांस्कृतिक समृद्धि को भी उजागर किया। समारोह में बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर डॉ. प्रसाद के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि वे सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रसाद ने हमेशा सत्य, अहिंसा और निःस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अन्य वक्ताओं ने भी डॉ. प्रसाद की महानता और उनके आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि डॉ. प्रसाद ने न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि आज़ाद भारत के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई। इस राजकीय आयोजन के माध्यम से एक संदेश दिया गया कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें सत्य, ईमानदारी, और सेवा के मार्ग पर चलना चाहिए। उनकी सादगी और भारतीयता के प्रति प्रेम आज के समाज और राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 140वीं जयंती पर आयोजित यह राजकीय समारोह न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक अवसर था, बल्कि उनकी शिक्षाओं और आदर्शों को आत्मसात करने का भी एक मौका था। बिहार और भारत को डॉ. प्रसाद जैसे महान नेता पर गर्व है, जिन्होंने अपनी निःस्वार्थ सेवा और नेतृत्व से देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह आयोजन हमें उनके योगदान को याद करने और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान करता है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के आदर्शों को अपनाकर हम एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।

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