January 15, 2025

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पशुधन की उत्पादकता में सुधार के लिए परजीवी रोगों का स्थायी नियंत्रण विषयक संगोष्ठी

  • ग्रामीणों में पशुपालन कि निर्भरता बढ़ी : डॉ. एन.विजयलक्ष्मी

पटना(अजीत)। पशुपालन और मात्स्यिकी विज्ञान में हम दिन प्रति दिन मजबूत होते जा रहे है, जिसके कारण इस क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और राज्य के किसान व पशुपालक लाभान्वित हुए है। बिहार अपने पुराने अस्मिता व गौरव को वापस पाने में सक्षम हुआ है, अब बिहार बदल चूका है, और इस मंच के माध्यम से मैं देश के सभी शिक्षाविदों को बिहार के शिक्षा और विकास के लिए आमंत्रित करती हूँ, वे आये और इस विश्वविद्यालय में योगदान देकर बिहार को समृद्धि की और ले जाने में हमारी मदद करें। उक्त बातें पशु व मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कही. डॉ. एन. विजयलक्ष्मी बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय व इंडियन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के 32वें राष्ट्रीय कांग्रेस एवं वर्तमान परिदृश्य में पशुधन की उत्पादकता में सुधार के लिए परजीवी रोगों का स्थायी नियंत्रण विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। उन्होंने आगे कहा की इस आयोजन की मूल बाते और निर्णय राज्य के किसान और पशुपालकों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करे जिससे परजीवों से रोकथाम में स्थिरता मिलेगी, परजीवी रोग का नियंत्रण किया जा सकेगा, परजीवों से अपने पशुओं को बचाने सम्बंधित जानकारी, प्रबंधन और जागरूक बनाकर उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।

वही इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेशवर सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय ने तृतीय कृषि रोड मैप और चतुर्थ कृषि रोड मैप को तैयार करने में अपना योगदान दिया है। उन्होंने बजटरी सपोर्ट देने के लिए सरकार का आभार प्रकट किया। वही इंडियन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. ए. संग्रन ने कहा ज़ूनोटिक और पैरासाइटिक पर काफी अध्ययन और शोध की जरुरत है, क्लाइमेट चेंज परजीवी जनित रोगों के बढ़ने का एक बड़ा कारण है। वेक्टर बोर्न डिजीज के जोखिम का आकलन कर के ही जोखिम को काम किया जा सकता है। उन्होंने वन हेल्थ (एक स्वास्थ्य) को मानव, पशु, पक्षी, पर्यावरण के कल्याण के लिए पॉजिटिव ड्राइवर बताया। बिहार पशु विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ.जे.के. प्रसाद ने कार्यक्रम के शुरुआत में सभी गणमान्य अतिथियों व कांफ्रेंस में भाग ले रहे वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा किये गए 21 राष्ट्रिय व अंतराष्ट्रीय समझौता ज्ञापन के तहत हो रहे कार्य, छात्रों की उपलब्धि और नए कैंपस के निर्माण की जानकारी दी। वही इस अवसर पर डॉ. बी.वी. नारलड़केर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा गया साथ ही डॉ. बी.आर लता, डॉ.शाहरदार, डॉ. श्रीनिवसमूर्ति, डॉ. सौंदरराजन, डॉ.के.पी. श्यमा, डॉ.एम.संकर, डॉ.अनीश, डॉ.संकु आदि को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed