हाजीपुर सदर अस्पताल में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, ठेले से ले जाया गया मरीज का शव

वैशाली। हाजीपुर सदर अस्पताल में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण एक मरीज का शव ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई। इस स्थिति में, जीआरपी पुलिस ने ठेला का सहारा लिया और शव को ठेले पर लादकर अस्पताल से ले गए। यह घटना हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर रानी कमलापति-अगरतला ट्रेन से बेहोशी की हालत में मिले एक युवक की थी, जिसे सदर अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने जांच के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया। सदर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण, युवक का शव ठेले पर ले जाया गया। मृतक युवक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। जीआरपी थानाध्यक्ष गुंजन कुमार ने जानकारी दी कि युवक को रानी कमलापति-अगरतला ट्रेन से बेहोशी की हालत में पाया गया था और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ है, जिसके माध्यम से उसके परिवार वालों को सूचना देने का प्रयास किया जा रहा है। शव को ठेले पर ले जाने वाले व्यक्ति संजय राय ने बताया कि वे युवक को हाजीपुर स्टेशन के प्लेटफार्म दो से सदर अस्पताल लाए थे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में एंबुलेंस न मिलने पर, उन्हें 500 रुपये में ठेला किराए पर लेना पड़ा और शव को स्टेशन वापस ले जाना पड़ा। इस घटना ने एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण उत्पन्न समस्याओं को उजागर किया है। अस्पताल में एंबुलेंस सेवाओं की अनुपलब्धता ने न केवल मरीजों और उनके परिवारों को कठिनाइयों में डाला है, बल्कि अस्पताल प्रशासन के प्रति भी नाराजगी बढ़ाई है। जीआरपी थानाध्यक्ष गुंजन कुमार ने बताया कि मृतक के पास मिले मोबाइल फोन के माध्यम से उसके परिजनों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो सकी है, और पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। यह घटना अस्पताल प्रशासन और एंबुलेंस सेवाओं की कमी को दर्शाती है। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल ने कई मरीजों और उनके परिजनों को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालेंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। हाजीपुर सदर अस्पताल में एंबुलेंस सेवाओं की कमी और हड़ताल के कारण एक मरीज का शव ठेले पर ले जाना पड़ा। यह घटना चिकित्सा सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है और संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने की मांग करती है। अस्पताल प्रशासन को इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को इस तरह की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

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