भारत में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए जारी की एडवाइजरी

मुंबई। महाराष्ट्र में जीका वायरस के कई मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका वायरस को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के तहत सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने और गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्क्रीनिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। भारत में जीका वायरस का प्रकोप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में सामने आ रहा है। यह वायरस एक मच्छर के काटने से होता है, जिसमें जीका वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस वायरस के संक्रमण का प्रमुख कारण है ‘एडेस एजिप्टाइ’ मच्छर। जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला 2007 में भारत में दिल्ली में सामने आया था, तब से इसके मामले संवृद्ध हो गए हैं। यह वायरस विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की सुरक्षा में जीका वायरस का संक्रमण गंभीर समस्या बन सकती है। वही भारत में जीका वायरस के संक्रमण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जीका वायरस के बारे में जानकारी और सुरक्षा उपायों पर जोर दिया गया है। एडवाइजरी में स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को उपयुक्त सूचना और दिशानिर्देश दिए गए हैं, ताकि वे विशेष रूप से मॉस्किटो बोर्न डाइज़ (मच्छरों से बचाव) के उपायों को संज्ञान में लेकर जनता को जागरूक कर सकें। इसमें जनसामान्य को इन उपायों के बारे में जागरूक किया गया है, जैसे कि मॉस्किटो नेट पहनना, रात के समय खुले रास्ते में ना जाना, और जल जमाव के लिए उपाय करना। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभागों को सतर्कता बढ़ाने और समुद्र तटीय इलाकों में जीका वायरस के संभावित मामलों के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जीका वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सरकार के विभिन्न विभाग और संगठनों ने सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और लोगों को इस संक्रमण से बचाव में सहायता पहुंचा रहे हैं। इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकारी अभियानों के अलावा, जनता से भी अपील की गई है कि वे स्वयं भी जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें और किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। विशेषज्ञों का मानना है कि जीका वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है, खासकर मॉनसून सीजन में, जब मच्छरों का प्रकोप अधिक होता है। इस समय में समुद्र तटीय इलाकों और जलवायु बदलाव के कारण मच्छरों की संख्या अधिक होती है, जिससे जीका वायरस के प्रसार का खतरा भी बढ़ जाता है। जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण में बुखार, ज्यादा थकावट, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, बदलती दिमागी स्थिति, और त्वचा पर लाल दाने शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों को अनदेखा न किया जाए, और तुरंत स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है। लोगों को मच्छरों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए, जैसे कि मॉस्किटो नेट पहनना, अधिकतम रूप से स्क्रीन करना, और जल जमाव को रोकना। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए और यदि वे जीका वायरस के लक्षणों से प्रभावित होती हैं, तो तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। सरकार ने भी जीका वायरस के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है, और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है और व्यापक जागरूकता प्रदान की जा रही है ताकि इस समस्या का समाधान समय रहते किया जा सके।

About Post Author

You may have missed