राज्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर अनुदान देगी बिहार सरकार
- कैबिनेट की बैठक में 23 एजेंडों पर मुहर लगी: 400 बसों की खरीद को स्वीकृति मिली, 6 जिलों में बनेंगे चार्जिंग स्टेशन
- प्रो कबड्डी लीग में टीम पटना पाइरेट्स को स्पांसर करेगी बिहार सरकार, पटना उच्च न्यायालय 81 पदों का सृजन
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे जिनके कारण उन्होंने प्रशासनिक और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों से दूरी बना रखी थी, लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत में थोड़ा सुधार आने के बाद उन्होंने राजधानी पटना के सचिवालय हाल में कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस कैबिनेट की बैठक के लिए सभी विभागों को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पहले ही पत्र जारी कर दिया गया था। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने 23 प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 की स्वीकृति, गाड़ी खरीदने पर डेढ़ लाख तक की छूट मिलेगी
बिहार सरकार ने ईवी को लेकर नई पॉलिसी लाई है। बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 की स्वीकृति दी है। नई नीति से गाड़ी खरीदने और इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए वित्तीय अनुदान देंगी। दो पहिया वाहन पर टैक्स में छूट दी गई है। 50 फीसदी टैक्स में राहत देंगी। पहले दस हजार वाहनों के लिए पांच हजार रुपए की सब्सिडी और एससी वर्ग के लाभुको को 7500 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। पहले दस हजार वाहनों पर टैक्स में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी। तीन पहिया यात्री वाहन और माल वाहन में टैक्स में 50 फीसदी की छूट देगी। चार पहिया वाहन पर अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक सब्सिडी मिलेगी। पहले दस हजार वाहनों पर 75फ़ीसदी टैक्स में राहत मिलेगी। सरकारी सस्थानो में चार्जिंग स्टेशन बनेगा।
400 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करेगी बिहार सरकार
बिहार के 6 प्रमुख नगर पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णियां के लिए 400 बसों की स्वीकृति आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा दी गई है। सरकार के सभी विभाग, बोर्ड, निगम तथा अन्य कार्यालयों में इस्तेमाल की जा रही सरकारी गाड़ी जो 15 वर्ष पुराने हैं, उन्हें निबंधित यान स्क्रेपिंग के माध्यम से स्क्रेपिंग प्रक्रिया की स्वीकृति दी गई है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत मंजूरी मिलने के बाद बस खरीदने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। मंत्रालय ने प्रदूषणरहित इन बसों के परिचालन के लिए उक्त सभी 6 शहरों में स्थित सरकारी बस डिपो के पुराने भवनों को तोड़कर नया टर्मिनल बनाने को भी मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने टर्मिनल बनाने का जिम्मा बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड को दिया है। टर्मिनल की डीपीआर तैयार करने के लिए पथ परिवहन निगम के प्रशासक ने भवन निर्माण निगम के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखा है। पथ परिवहन निगम ने प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया व दरभंगा शहर में प्रदूषणरहित बस सेवा शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। जिसकी सैद्धांतिक सहमति राज्य सरकार से मिलने के बाद केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी गई थी। इस अनुशंसा पर मुहर लगाते हुए मंत्रालय ने बसों की खरीदारी करने और उक्त बसों के परिचालन के लिए नया बस टर्मिनल बनाने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी। बसों की खरीद और टर्मिनल निर्माण में आने वाले खर्च की 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार वहन करेगी। पथ परिवहन विभाग जो 400 नई इलेक्ट्रिक बस खरीदेगी, उसके परिचालन के लिए परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी। एमवी एक्ट में इलेक्ट्रिक बस समेत सभी प्रकार के वाहनों को परमिट से छूट दी गई है।
प्रो कबड्डी लीग में टीम पटना पाइरेट्स को स्पांसर करेगी बिहार सरकार
वहीं, बिहार में कबड्डी खेल को बढ़ावा देने बिहार की ब्रांडिंग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करने के लिए प्रो कबड्डी लीग की पटना पाइरेट्स टीम को बिहार वित्त नियमावली के तहत बिहार खेल प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित किए जाने के संबंध में स्वीकृति मिली है।
पटना उच्च न्यायालय 81 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना में आईटी संवर्ग में विभिन्न कोटि के 81 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही राजवर्धन गुप्ता तत्कालीन अंचला अधिकारी हिलसा नालंदा निलंबित को बिहार सरकारी सेवा नियमावली 2005 के तहत सरकारी सेवा से बर्खास्त करने पर मुहर लगी है। वही कैबिनेट ने दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में विभिन्न कोटि के कुल 33 पदों के सृजन को अपनी स्वीकृति दे दी है। साथ ही बिहार दंत चिकित्सा सेवा नियमावली 2023 को भी मंजूरी मिल गई है। वहीं, आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय दो के तहत आईआईटी पटना द्वारा 33 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना के लिए 122 करोड़ 86 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे सीएम
सीएम एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। वो सीजनल फ्लू की चपेट में थे। डॉक्टरों की सलाह पर आराम कर रहे थे। तबीयत ठीक होते ही मंगलवार को कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई। पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्वस्थ होने के कारण किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे थे। उनके सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। 30 नवंबर को मुख्यमंत्री को गृह जिले के राजगीर में महोत्सव में शामिल होना था लेकिन नहीं गए। प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी को उद्घाटन के लिए भेज दिया था। यहां तक की जनता दरबार का लेटर जारी होने के बाद भी उसे रद्द कर दिया गया था। मुख्यमंत्री पिछले डेढ़ महीने से जनता दरबार कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पिछला जनता दरबार 16 अक्टूबर 2023 को हुआ था।