नीतीश अगर फिर से महागठबंधन में जाए तो तेजस्वी को फिर बिहार स्विट्जरलैंड जैसा दिखने लगेगा : प्रशांत किशोर
पटना। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अपराध और विकास पर दिए गए बयानों को लेकर तीखी आलोचना की है। उन्होंने तेजस्वी यादव के दोहरे मानदंडों को निशाना बनाते हुए कहा कि जब तेजस्वी बिहार के उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्हें बिहार स्विट्जरलैंड जैसा दिखता था। अब जब वह विपक्ष में हैं, तो उन्हें बिहार एक कत्लखाना नजर आ रहा है। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन में शामिल हो जाते हैं, तो तेजस्वी को बिहार फिर से बेहतरीन दिखने लगेगा।
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला
प्रशांत किशोर ने मंगलवार को तेजस्वी यादव द्वारा अपराध पर दिए गए बयान को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “छह महीने पहले जब तेजस्वी उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्हें बिहार किसी आदर्श राज्य से कम नहीं लगता था। लेकिन अब जब वह सत्ता में नहीं हैं, तो उन्हें हर जगह अपराध और अव्यवस्था दिख रही है। किशोर का यह बयान उस समय आया है जब तेजस्वी यादव लगातार बिहार में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हैं। किशोर ने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके बयानों में कोई स्थिरता नहीं है। सत्ता में रहते हुए बिहार की स्थिति उन्हें बेहद बेहतर दिखती थी, और अब जब वह विपक्ष में हैं, तो उन्हें हर तरफ अव्यवस्था दिखाई देती है।
विकास पर तेजस्वी की समझ पर सवाल
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की विकास पर की गई टिप्पणियों को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव जब जाति, रंगदारी, बालू माफिया या अपराध की बात करते हैं, तब उन पर चर्चा की जा सकती है। लेकिन जब वे विकास के मॉडल पर बात करते हैं, तो यह हास्यास्पद लगता है।” किशोर ने यह भी जोड़ा कि जो लोग 15 साल तक शासन में रहे और जिन्हें यह भी नहीं पता कि जीडीपी क्या है या जीडीपी ग्रोथ क्या होती है, वे अब विकास पर चर्चा कर रहे हैं। उनके मुताबिक, तेजस्वी यादव का विकास पर ज्ञान इतना कमजोर है कि इस पर कोई गंभीर टिप्पणी करना समय की बर्बादी होगी।
बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों पर टिप्पणी
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और महागठबंधन को लेकर भी अपनी बात रखी। उनका कहना था कि अगर नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन का हिस्सा बन जाते हैं, तो तेजस्वी यादव की धारणा बिहार के प्रति तुरंत बदल जाएगी। उन्हें बिहार फिर से बेहतरीन दिखने लगेगा। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव के विकास पर दिए गए बयानों से उनकी नासमझी झलकती है, और यह साफ करता है कि वे विकास की जमीनी हकीकत से कितने दूर हैं।
नीतीश कुमार और महागठबंधन पर हमला
प्रशांत किशोर ने महागठबंधन और नीतीश कुमार के संदर्भ में यह भी कहा कि बिहार की राजनीति में बार-बार गठबंधन बदलने और नेताओं के बयानों में अचानक बदलाव आना कोई नई बात नहीं है। नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने की अटकलों के बीच किशोर ने यह साफ किया कि तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के लिए राजनीति केवल सत्ता पाने का एक साधन है। जब वे सत्ता में होते हैं, तो उन्हें सबकुछ अच्छा दिखाई देता है, और जब वे विपक्ष में होते हैं, तो वे उसी राज्य को बदहाल दिखाने की कोशिश करते हैं।
बिहार की राजनीति और विकास पर चर्चा
किशोर ने बिहार के विकास के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए। उनका कहना था कि राज्य के विकास के लिए गंभीरता और स्थिरता की जरूरत है, जो केवल राजनीति में स्थायी रूप से सत्ता बदलने से संभव नहीं है। तेजस्वी यादव के विकास मॉडल की आलोचना करते हुए किशोर ने कहा कि केवल सत्ता में आने से विकास नहीं हो सकता, बल्कि उसके लिए मजबूत दृष्टिकोण और दूरदर्शिता की आवश्यकता होती है। प्रशांत किशोर का यह बयान तेजस्वी यादव के दोहरे मानदंडों और बिहार की राजनीति में बार-बार हो रहे गठबंधन बदलावों पर एक सटीक टिप्पणी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव जैसे नेता केवल सत्ता की राजनीति करते हैं और विकास जैसे गंभीर मुद्दों पर उनका ज्ञान बहुत ही सीमित है। किशोर ने यह भी कहा कि यदि नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन में जाते हैं, तो तेजस्वी की बिहार के प्रति धारणा तुरंत बदल जाएगी, जो बिहार की राजनीति में अनिश्चितता और अस्थिरता की झलक देता है।