राज्यपाल की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक के बाद ही नाइट कर्फ्यू पर होगा कोई फैसला
पटना । बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लागू होने की संभावना बनती दिख रही है। इसके अलावा और कौन से जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं, इन पर फैसला तो 17 को होने वाले सर्वदलीय बैठक के बाद ही पता चलेगा। मुख्यमंत्री ने बिहार में नाइट कर्फ्यू लागू करने के पत्रकारों के सवाल पर यहां कहा कि सर्वदलीय बैठक शनिवार को राज्यपाल की अध्यक्षता में होने वाली है। इसमें आने वाले सुझावों पर समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमलोग एक-एक चीज पर नजर रखे हुए हैं। इन सब चीजों पर हमारे लोग बाहर बात भी करते हैं। जो भी बाहर से आना चाहे, जल्दी आ जाए। सबकी जांच कराई जा रही है। हमलोग कोरोना को लेकर पूरी तरह सचेत और सक्रिय हैं। स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी नीचे तक की एक-एक चीज की जानकारी लेते हैं, उसके आधार पर कार्रवाई होती है। सभी चीजों पर चर्चा होती है। साथ ही केंद्र सरकार के भी निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग शुरू से लोगों से अपील कर रहे हैं कि सचेत रहें, मास्क का इस्तेमाल करें, दूरी बनाकर रहें, हाथों की साबुन से सफाई करते रहें, अकारण घर से बाहर न निकलें। शहरी इलाकों के साथ-साथ अब गांवों में भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, इसलिए लोगों को पहले से ज्यादा सचेत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार में भी मामले ज्यादा मिल रहे हैं। भारी संख्या में कोरोना की जांच हो रही है। जितनी अधिक जांच होगी उतने ही संक्रमितों का पता चल पाएगा। जिन क्षेत्रों में संक्रमितों का पता चल रहा है, उन क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। जांच की संख्या राज्य में प्रतिदिन एक लाख से अधिक कराई जा रही है, इसे और भी बढ़ाया जाएगा। टीकाकरण भी हमलोग अधिक से अधिक कराएंगे ताकि लोगों पर संक्रमण का असर कम से कम हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों में बेडों की संख्या और बढ़ाई जा रही है। कुछ अस्पतालों को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए केंद्रित किया जा रहा है। एक-एक चीज का ध्यान रखा जा रहा है। अधिकतम लोगों का टेस्ट कराना चाहते हैं, ताकि जब संक्रमितों का पता चले तो उनका सही परामर्श के साथ इलाज हो सके।