बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली एम्स में कराए गए भर्ती
नई दिल्ली। देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार देर रात को उन्हें कुछ दिक्कत महसूस हुई, जिसके बाद एम्स ले जाया गया है। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह रूटीन चेकअप है। फिलहाल उन्हें यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है। 31 मार्च को लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। इससे पहले 2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जून को लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद लाल कृष्ण आडवाणी से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आडवाणी को गुलदस्ता भेंट किया। आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच एनडीए सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी। यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को 1991 में 120 सीटें मिली। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली। इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे, लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को अरेस्ट कर लिया गया था।