बिहार में अब पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर एडीजी की कमेटी लगी अंतिम फैसला, आदेश जारी
पटना। बिहार पुलिस में ट्रांसफ़र और पोस्टिंग की नई व्यवस्था बनाई गई है। अब किसी भी ऑफिसर या कर्मी की पोस्टिंग पर अंतिम मुहर एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन की अध्यक्षता में बनी कमेटी लगाएगी। इस कमेटी में एडीजी विधि व्यवस्था पंकज दराद और मुख्यालय के डीआइजी (कार्मिक) को बतौर सदस्य रखा गया है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन को पुलिस मुख्यालय का नया अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है। इसके बाद वह अपने चिर-परचित अंदाज में नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कुंदन कृष्णन ने आठ वर्ष की अवधि पूरी होने पर पुलिस पदाधिकारियों को दूसरे जोन में स्थानातंरण करने के आदेश को पलट दिया है। इसको लेकर एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन की अध्यक्षता में एक नई स्थानातंरण कमिटी बनाई है। इसके बाद अब यह कमिटी ही तय करेगी की किस पुलिस पदाधिकारी या पुलिसकर्मी को कहां ट्रांसफ़र करना है। नई स्थानातंरण कमिटी काअध्यक्ष एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन को बनाया गया। अब एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन की अध्यक्षता में बनी कमेटी स्थानांतरण या पदस्थापन की अनुशंसा वाले पदाधिकारियों और कर्मियों की योग्यता, दक्षता, विशेष प्रशिक्षण आदि को देखते हुए निर्णय लेगी। समिति 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। आइजी मुख्यालय ने इसके बारे में आदेश भी जारी किया है। इस पर डीजीपी का अनुमोदन प्राप्त है। इधर, बिहार पुलिस के आदेश संख्या-322/2022 के अनुसार, आठ वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर कई पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों का स्थानांतरण अन्यत्र जिला कार्यालय इकाई में हो गया है। वर्तमान में इसका गंभीर प्रभाव कार्यालय एवं इकाइयों के कार्यों की गुणवत्ता, कार्य उत्पादकता एवं गतिशीलता पर पड़ रहा है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, साइबर अपराध, आतंकवाद निरोधक दस्ता, आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष शाखा, एसटीएफ, डाग हैंडलर आदि में विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त दक्ष पुलिस कर्मियों का स्थानांतरण होने से काफी कठिनाइयों हो रही है। उनका काम कोई और नहीं कर पाता। नए अधिकारी को भी काम सीखने में समय लग जाता है, जिसकी वजह से लंबे समय तक काम प्रभावित होता है।