बिहार में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़, बेऊर जेल से जुड़े कई तार
पटना। बिहार एसटीएफ की छापेमारी में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। इसका संपर्क बेऊर जेल में बंद कई अपराधियों से हैं। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पटना पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो परत दर परत कई राज खुलते चले गये। पता चला है कि बेउर जेल में बंद दो अपराधियों शिवम कुमार और सुजीत कुमार नत्था ने हाथीदह थानांतर्गत अउंटा गांव के रहने वाले नवनीत कुमार को फर्जी आधार कार्ड बनवाने को कहा था। सुजीत और शिवम दोनों नवनीत के दोस्त हैं। नवनीत ने शास्त्रीनगर थानांतर्गत शिवपुरी के कपिला कॉम्प्लेक्स स्थित लगन स्टूडियो नाम की दुकान के मालिक आयुष वर्मा से कई फर्जी आधार कार्ड बनवाए। उसने गोपालगंज के आदित्य सिंह (एतवा, गोपालगंज), गया के साहिल सिंह (गेवाल बिगहा, गया), लखनऊ के अंकित मिश्रा ( चारबाग, लखनऊ, यूपी) और यूपी के रौशन दुबे (डालमियां नगर, यूपी) के नाम का आधार कार्ड बनाने को कहा। सारे आधार कार्ड बनाने के बाद आयुष ने उसे नवनीत के मोबाइल पर भेज दिया। इसके बाद नवनीत ने उसे व्हाट्स एप के माध्यम से बेउर जेल में बंद शिवम और नत्था को भेजा। उसके मोबाइल से पुलिस ने चारो आधार कार्ड की कॉपी बरामद की है। इस बाबत शास्त्रीनगर थाने में आयुष वर्मा, नवनीत, शिवम कुमार और सुजीत उर्फ नत्था के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। थाने से नवनीत और आयुष को पुलिस ने जेल भेज दिया। फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह एडोब फोटोशॉप के माध्यम से सारा खेल करता था। जाली आधार कार्ड को इस तरीके से बना दिया जाता था कि एक नजर में कोई भी उसे नहीं पकड़ सकता। आयुष पैन कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र भी बनाता था। हालांकि पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि ये दोनों कागजात फर्जी तरीके से बनाये जाते थे या नहीं। बेऊर जेल के बंदी धड़ल्ले से व्हाट्स एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल में कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें बेऊर जेल से घटना की साजिश रचने का खुलासा हुआ है। सुबोध सिंह गिरोह ने जेल से ही पूर्णिया में तनिष्क शोरूम में लूट की साजिश रच डाली। जिस दुकान में फर्जी आधार कार्ड बनाया जाता था वहां से पुलिस ने कई पेन ड्राइव, मोबाइल व हार्डडिस्क बरामद किये हैं। सिटी एसपी चंद्र प्रकाश के मुताबिक पुलिस बरामद हार्ड डिस्क की जांच कर रही है।