पैतृक गांव सैफई में कल होगा मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार, यूपी में 3 दिनों का राजकीय शोक
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। 82 साल के मुलायम यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम के निधन की जानकारी दी। मुलायम की पार्थिव देह सैफई ले जाई जा रही है, जहां मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक रहेगा। मुलायम को 2 अक्टूबर को ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद ICU में शिफ्ट किया गया था। उन्हें यूरिन में इन्फेक्शन के साथ ही ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ गई थी। बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मेदांता जाएंगे और मंगलवार को सैफई में उनके अंतिम संस्कार में भी मौजूद रहेंगे। वही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुलायम सिंह को धरती पुत्र बताया और कहा कि उनकी उपलब्धियां असाधारण थीं। राजद चीफ लालू यादव ने कहा कि मुलायम सिंहजी से घरेलू रिश्ते थे। उनके निधन की खबर बेहद दुखद है। सीएम योगी मंगलवार को मुलायम के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके साथ ही बिहार सरकार ने राज्य में 10 अक्टूबर को राजकीय शोक की घोषणा की। मुलायम सिंह यादव की पार्थिव देह मेदांता से सैफई ले जाई जा रही है। वही गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को मेदांता पहुंचे। मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी और अखिलेश यादव को ढांढस बंधाया।
मोदी ने कहा- उनके विचार जानने को हमेशा तत्पर रहता था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ अपनी कई तस्वीरें पोस्ट कीं। लिखा- जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरी कई बार मुलायम सिंह यादव जी से बातचीत हुई। हमारा करीबी जुड़ाव चलता रहा और मैं हमेशा ही उनके विचार जानने के लिए तत्पर रहता था। मुलायमजी के निधन से मुझे दुख है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाए हैं। ओम शांति
गुजरात की जनसभा में पीएम मोदी ने सबसे पहले मुलायम को याद किया
नरेंद्र मोदी सोमवार को गुजरात के भरुच में जनसभा कर रहे थे। यहां भी उन्होंने सबसे पहले मुलायम सिंह यादव को याद किया। कहा- मुलायमजी का जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मेरा मुलायमजी के साथ नाता विशेष प्रकार का रहा। हम दोनों मुख्यमंत्री के तौर पर मिला करते थे, वे भी और मैं भी दोनों के प्रति एक अपनत्व का भाव अनुभव करते थे। 2014 में जब भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए चुना तो मैंने विपक्ष में अपने परिचित लोगों को फोन करके आशीर्वाद लिया था। उस दिन मुलायमजी का वह आशीर्वाद, सलाह के दो शब्द आज भी मेरी अमानत हैं।