समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में बाढ़ का कहर, दस पंचायतों में घुसा गंगा का पानी
समस्तीपुर। जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के सुल्तानपुर दियारा सहित कई पंचायतों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है। मुख्य सड़कों पर तेज गति से पानी का बहाव हो रहा। यहां के लोगों के पास अब नाव ही सहारा है। दूसरी ओर लगातार गंगा व वाया नदी के जलस्तर में वृद्धि से संपूर्ण दियारा की 10 पंचायतों में जलप्रलय की स्थिति बन गई है। धीरे-धीरे लोग अब घर छोड़कर ऊंची जगहों पर पलायन करने लगे हैं। सबसे अधिक परेशानी दलित बस्ती के उन इलाकों में हो रही है, जहां अधिकतर घर झोपड़ी हैं। वहां की स्थिति गंभीर बन चुकी है। खेतों में लगी फसल को लोग अब मवेशियों के चारा के रूप में इस्तेमाल करने लगे हैं। हरैल, चापर, बाबापट्टी, नारायणपुर, सुल्तानपुर, दुबहा, मस्तलीपुर, उदहापार, जगीरा टोल, घटहा टोल सहित कई ऐसे गांव हैं, जहां चूल्हा तक में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बाढ़ की चपेट में आने से करीब पचास हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो गई है।खौफजदा हैं बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग : बाढ़ की प्रलयंकारी स्थिति को देख दियारा के लोग खौफजदा हैं। उन्हें कई प्रकार की चिता अभी से ही सताने लगी है। पूर्व मे आयी बाढ़ की विभीषका देख चुके लोग काफी चितित हैं। जिन्हें अपना घर द्वार छोड़ सरकारी मकानों में रहने के लिए विवश होना पड़ता है। दो वक्त की रोटी सरकारी राहत पर ही टिकी होती है। इन्हीं सब कठिनाइयों को देख बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग अपने स्तर से समस्या के निदान में जुटे हैं।
तटबंधों पर बढ़ रहा पानी का दबाव : गंगा और वाया नदी में जारी उफान से अब तटबंधों पर जल का दबाव बढ़ने लगा है। कई स्थानों पर रिसाव या फिर जर्जर तटबंधों को चिन्हित कर उसे मजबूत बनाने की पहल तेज कर दी गई है। कितु गंगा के तटबंधों पर जल का दबाव जारी है। प्रशासन भी चौकस नजर आ रही है।
प्रशासनिक स्तर पर की जा रही तैयारी : एक ओर जहां गंगा और वाया नदी का जलस्तर तेज गति से बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर प्रशासनिक स्तर पर भी इससे निजात की व्यवस्था तेज कर दी गई है। आवश्यकता वाले जगहों पर नाव दी जा रही है। वहीं ऊंची जगहों वाले स्थलों को चिह्नित किया गया है, जिससे संकट की स्थिति में लोगों का ठहराव हो सके।