राज्य में कमजोर मानसून के कारण वर्षा में आई कमी, दो जुलाई के बाद से बारिश के आसार
पटना। राज्य में बारिश की गतिविधियों में कमी आई है और पारा ऊपर चढ़ा है। प्री-मानसून बारिश सीजन के बाद अब मानसून की बारिश की कमी से खेती किसानी से लेकर सामान्य जनजीवन तक प्रभावित हुआ है। अधिकतर जिलों में तापमान भी सामान्य से ऊपर बना हुआ है। सोमवार को 39.4 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद प्रदेश का गर्म शहर रहा जबकि 1.3 डिग्री वृद्धि के साथ पटना का अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसमविदों के अनुसार हवा का पैटर्न बारिश के सिस्टम को उपयुक्त सपोर्ट नहीं दे रहा है, इस वजह से दक्षिण बिहार में बारिश की विशेष कमी दिख रही है। फिलहाल राज्य के 34 जिलों में बारिश की कमी है। सीमांचल के चार जिलों अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और सुपौल को छोड़कर अधिकतर जिले बारिश की कमी झेल रहे हैं। इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। राज्य के 25 जिले ऐसे हैं जहां बारिश की ज्यादा कमी है। मौसम विभाग के अनुसार दो जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। इसके प्रभाव से अगले हफ्ते से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी के आसार बने हैं।
अगले 24 घंटे में पटना समेत पूरे प्रदेश में मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ वर्षा का अनुमान
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान पटना समेत पूरे प्रदेश में मेघ गर्जन, वज्रपात और हल्की वर्षा का अनुमान है जबकि उत्तर बिहार के पांच जिलों के शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा में भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पिछले कई दिनों से मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट जारी किया जा रहा है लेकिन झमाझम बारिश का इंतजार लोगों को अबतक है। वही उत्तर बिहार के जिलों में मानसून का प्रभाव बना है जबकि मध्य बिहार में इसका प्रभाव कमजोर पड़ गया। मध्य बिहार में शुष्क मौसम और ऊष्मीय प्रभाव के बिखराव से वर्षा का सिस्टम सक्रिय नहीं हो पा रहा है। इन जगहों पर आंशिक बादल छाए रहने के साथ हल्की वर्षा व बूंदाबांदी हो रही है। पूर्व पश्चिम ट्रफ-रेखा दक्षिण पश्चिम राजस्थान में बने चक्रवाती परिसंचरण क्षेत्र से दक्षिण पूर्व राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा से होते हुए पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर गुजर रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भागों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है।