बिहार कांग्रेस के नव संकल्प कार्यक्रम में उठी राजद से गठबंधन तोड़ने की मांग, जानिए पूरा मामला

पटना। बिहार कांग्रेस का दो दिवसीय नव संकल्प कार्यक्रम राजगीर में शुरू हो गया है। बुधवार को पहले दिन फर्स्ट सेशन में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का संबोधन हुआ। तकरीबन 300 की संख्या में कार्यकर्ता व नेता इस कार्यक्रम में शामिल रहे। उद्घाटन सत्र में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि अभी राज्य स्तर पर आयोजित यह संकल्प शिविर जिला और प्रखंड स्तर पर भी आयोजित होगा। नव संकल्प शिविर से पार्टी में ऐतिहासिक परिवर्तन की संभावना है। झा ने कहा कि आज सभी कांग्रेसियों को अपना हित छोड़कर पार्टी हित में सोचने की जरूरत है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पूनम पासवान ने पार्टी में संगठन की कमजोरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक संगठन की जवाबदेही कार्यकर्ताओं को नहीं दी जाएगी तब तक कांग्रेस की मजबूती की बात करना बेमानी है। पूनम पासवान ने कहा कि कांग्रेस को मजबूती के लिए बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करना होगा और नेताओं को ईगो भी खत्म करना होगा।
संकल्प कार्यक्रम में नाराज़ दिखे सांसद मोहम्मद जावेद
दरअसल, बिहार से कांग्रेस के एकमात्र लोकसभा सांसद मोहम्मद जावेद कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, लेकिन पिछली पंक्ति में जाकर बैठ गए जबकि उनके लिए आगे की सीट निर्धारित थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के अलावा बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास उनके पास पहुंचे और आगे चलकर स्थान ग्रहण कराने की कोशिश की, लेकिन सांसद अपनी जगह पर बैठे रहे। और तो और संकल्प शिविर के लिए कांग्रेस ने जो व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था; उससे भी लेफ्ट कर गए। जब उनसे पूछा गया तो वह पूरे मामले पर टालमटोल करते नजर आए और कहा कि पार्टी को मजबूती इस संकल्प शिविर से जरूर मिलेगी। उन्होंने अपनी किसी तरह की नाराजगी से इनकार किया। मंच से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कहा कि संकल्प शिविर का मकसद कांग्रेस का जन जन तक संवाद बढ़ाने के अलावा समाज को तोड़ने की किसी भी तरह की साजिश को रोकने, किसानों युवाओं के मुद्दे को और धारदार बनाने और विदेश एवं कृषि नीति पर चर्चा करनी है।
राजद से गठबंधन खत्म करने की उठी आवाज
संकल्प शिविर के पहले दिन कई नेताओं ने खुले मंच से बिहार में राजद के साथ किसी भी तरह के समझौते का विरोध किया। पार्टी द्वारा राजगीर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह से जब बिहार में राजद के गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर समझौता को लेकर फैसला करने का अधिकार किसी नेता को नहीं है। वही सांसद ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के साथ किसी भी तरह के एलायंस पर अंतिम मुहर केंद्रीय नेतृत्व का ही लगा सकता है।

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