गया : पंचायती राज अधिकारी पर महिला कर्मचारी ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, सीएम नीतीश को भी लिखी चिट्ठी

गया। बिहार के गया जिला पंचायती राज अधिकारी के ऊपर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। डीपीआरओ कार्यालय में ही काम करने वाली महिला ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है। पत्र में महिलाकर्मी ने डीपीआरओ की करतूतों की जानकारी देते हुए सीएम नीतीश से न्याय की गुहार लगायी है। पत्र के संज्ञान में आते ही पटना से गया तक का प्रशासनिक महकमा सक्रिय हो गया। गया के डीएम डॉ त्याग राजन ने तत्काल जांच के आदेश दे दिये।
अंजाम बुरा होने की दी धमकी
घटना के संबंध में बताया जाता है कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि डीपीआरओ राजीव ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और धमकी दी है। पत्र में लिखा गया है कि डीपीआरओ अपने काले शीशे वाले चैंबर में लैपटॉप का बहाना बना कर उसे अंदर बुलाया। पहले तो उसे खूब डांटा, जब मेरे आंखों से आंसू आ गये तो वहां खड़े ड्राइवर को मेरे पानी लाने के बहाने बाहर भेज दिया। उसके बाद डीपीआरओ मुझे पकड़ा और गंदी हरकतें करने लगे। जब मैंने मना किया और कमरे से भागने की कोशिश की, तो डीपीआरओ ने पीछे से पकड़ लिया। कहने लगे कि यह बातें किसी भी तरह से बाहर गयी तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। तुम्हें इतनी दूर भेज देंगे कि तुम कल्पना भी नहीं कर सकती हो।
सवाल सुनते ही भड़के अधिकारी
पत्र में पीड़िता ने अपना नाम और मोहल्ले का केवल जिक्र किया है। अब तक सूचना के अनुसार पंचायती राज कार्यालय में उस नाम की कोई महिला कार्यरत नहीं है। वैसे कार्यालय में कार्यरत तमाम महिला कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। इधर, मुख्यमंत्री को भेजी गयी चिट्ठी को लेकर पूछे गये सवाल पर डीपीआरओ राजीव कुमार भड़क गये। उन्होंने कहा कि आरोप बेबुनियाद है। ऐसी कोई महिला को मैं जानता नहीं हूं। जांच होने दीजिए। हमने लिख कर दे दिया है। इधर, कार्यालय के लोगों का कहना है कि वास्तव में लड़की ने अपना मूल नाम छुपाया है। शिकायत पत्र में जो कुछ लिखा है वो दूसरे नाम से लिखा गया है। इसके साथ ही पीड़िता के साथ राजीव की कई तस्वीरें सामने आयी हैं। दोनों एक-दूसरे के साथ नजर आ रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि अगर सही से जांच हो तो सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी।
