दीपक मेहता हत्याकांड : पटना के कुख्यात शिव गोप के शूटरों ने की थी हत्या, अभी भी सरगना को तलाश रही पुलिस
दानापुर। जदयू नेता सह दानापुर नगरपरिषद उपाध्यक्ष दीपक मेहता के हत्या पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऑफिसियल रूप से शोक प्रकट किया था। हत्या के विरोध में जदयू कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सड़क पर कैंडिल मार्च निकाल प्रदर्शन किया था और घटना में शामिल अपराधियों के गिरफ्तारी और सजा की मांग किया था। जदयू नेता की हत्या विवादित जमीन कब्जा करने को लेकर हुआ था। पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों द्वारा गठित एसआईटी ने एक सप्ताह के अंदर घटना में शामिल कई अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल जरूर रही लेकिन सरगना आज भी फरार हैं। जदयू नेता की हत्या के लिए प्लानिंग में तय हुआ था की कुख्यात रवि गोप और कुख्यात शिव गोप द्वारा दो-दो शूटर दिया जायेगा। प्लानिंग के अनुसार दीपक मेहता के लिए चार शूटर आएं इसमें तीन शूटर चोरी के एफजेड मोटरसाइकिल पर थे और एक शूटर गेट के सामने था और रेकी रवि गोप, सनोज साह, हर्ष, अक्षय ,मनोज राय, उमेश सिंह एवं लाली कर रहा था।
बीते 28 मार्च को दीपक मेहता प्रेम बृज वाटिका से लौटकर जैसे ही अपने घर के पास आया प्लानिंग के अनुसार शूटर ने ताबड़तोड़ दीपक मेहता के शरीर में गोलियां दाग दिया और हवाई फायरिंग करते हुये शूटर मोटरसाइकिल से फरार हो गये। गिरफ्तार राजू कुमार उर्फ राजू गोप एवं राज कुमार सहनी उर्फ बालक ने अपने स्वीकृति बयान में यह सब स्वीकार किया हैं। वहीं पुलिस को बताया की हम सभी एक दूसरे से वाट्सअप एवं इंटरनेट कॉलिंग से बात करते थे। दीपक मेहता का कई लोगों से जमीनी विवाद चल रहा था। हत्या का मूल कारण भी जमीन कब्जा हैं। लेकिन सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह हैं की कुख्यात रवि गोप के बड़े भाई इस हत्याकांड में शामिल राजु गोप ने जदयू नेता दीपक मेहता के बड़े भाई सूरज मेहता से मिलकर 1 कट्ठा 3 धुर जमीन दुसरे व्यक्ति से एग्रीमेंट कराया था। पुलिस के समक्ष राजू गोप द्वारा दिये गये बयान में यह स्पष्ट हैं।
इससे स्पष्ट होता है की दीपक मेहता के बड़े भाई से कुख्यात रवि गोप के बड़े भाई का व्यवसायिक संबंध था। राजू राय दीघा स्थित बाटा फैक्ट्री में काम करता हैं। कभी बाहुबली विधायक का भरोसेमंद बॉडीगार्ड रहा लाली को लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस मुख्यालय ने सेवा से बर्खास्त कर दिया गया हैं। जदयू नेता दीपक मेहता के हत्या के प्लानिंग और लाइनर के भूमिका में बर्खास्त सिपाही लाली का नाम आया हैं। पुलिस सुत्रों की मानें तो लाली कई बड़े भू-माफिया और अपराधी से मिलकर विवादित जमीन खरीद -बिक्री का कारोबार में जुटा हैं। इस हत्याकांड में जुड़े कई अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी छापेमारी कर रही है।